यूपी। लखनऊ के ग्राम बंथरा निवासी सुनीता के जीवित पति शंकर को मृत दिखाकर पारिवारिक लाभ के तहत समाज कल्याण विभाग ने पत्नी सुनीता के खाते में पारिवारिक लाभ योजना के तहत 30 हजार रुपये खाते में भेज दिया। जांच में पाया गया कि वह जिंदा हैं। विभाग के कर्मचारियों और तहसील के बाबुओं की मिलीभगत से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर लाभ ले लिया गया।
ग्राम बंथरा के ही सत्य प्रकाश की पत्नी के खाते में मृतक पारिवारिक लाभ योजना के तहत 30 हजार रुपये भेजे गए। पारिवारिक लाभ योजना के तहत मिली रकम के लिए जीवित सत्य प्रकाश का भी निधन 13 मार्च 2019 को दिखाया गया। जीवित सत्य प्रकाश ने बताया कि विभाग के कर्मचारी आए थे। आवेदन भरा ले गए। 15 हजार रुपये देना पड़ा था। पैसा खाते में आ गया। मुझे पता ही नहीं कि रकम क्यों दी जाती है।अकेले ये दो मामले पूरी आनलाइन पारदर्शी व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी हैं। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिली भगत से यह घोटाला सामने आया है। लखनऊ के एक ब्लॉक में हुई जांच में ऐेसी 29 महिलाओं को पति के निधन पर पारिवारिक लाभ योजना के तहत 30 हजार की मदद की गई। जांच में पाया गया कि 21 महिलाओं के पति अभी जिंदा हैं तो आठ का निधन एक दशक से अधिक समय पहले हो चुका है। दो मामले सरोजनीनगर के गांव चंद्रावल हैं शेष एक ही गांव बंथरा के हैं।
उप निदेशक समाज कल्याण श्रीनिवास द्विवेदी ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के लोगों को 30 हजार रुपये की एक मुश्त सहायता तब दी जाती है जब परिवार के मुखिया का निधन हो जाता है। मुखिया की उम्र 60 साल से कम होनी चाहिए। सरोजनीनगर में गड़बड़ी की शिकायत मिली है। जांच की जा रही है। जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी। गड़बड़ी पर रकम भी वापस ली जाएगी।