पत्नी के दहेज प्रताड़ना और दुष्कर्म का आरोप लगाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा पत्नी से शारीरिक संबंध बनाना दुष्कर्म नहीं
यूपी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रेप के एक मामले की सुनवाई करते हुए बड़ा आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि पत्नी से शारीरिक संबंध बनाना दुष्कर्म नहीं है। इसे भारतीय दंड संहिता में क्लीयर किया गया है। एक्ट 375 में संशोधन के बाद यह तय हो चुका है कि 15 साल से अधिक उम्र की पत्नी के साथ यौन संबंध बनाना दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं आता है। इस एक्ट में 2013 में संशोधन किया गया था। कोर्ट ने यह अहम टिप्पणी मुरादाबाद में दर्ज एक मामले में सुनवाई के दौरान की।हाईकोर्ट ने आरोपी पति मुरादाबाद के खुशाबे अली की जमानत मंजूर कर ली। आरोपी को कोर्ट ने सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
मुरादाबाद के भोजपुर थाने में 8 सितंबर 2020 को खुशाबे अली की पत्नी ने उस पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने मारपीट करने और धमकी देने का केस दर्ज कराया था। FIR में अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने की बात का भी जिक्र था। गुरुवार को इस प्रकरण में खुशाबे अली की जमानत याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस मोहम्मद असलम की बेंच ने खुशाबे अली के वकील केशरीनाथ त्रिपाठी और सरकारी वकील के तर्कों को सुना।
याची के अधिवक्ता केशरीनाथ त्रिपाठी का कहना था कि मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयान में पीड़िता ने अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने व याची के भाइयों द्वारा दुष्कर्म करने की बात से इंकार किया है। जिस पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस मोहम्मद असलम ने कहा कि धारा 375 में कई संशोधन किए गए हैं। संशोधित धारा की व्याख्या संख्या दो में यदि पत्नी 15 वर्ष से कम आयु की नहीं है तो उसके साथ यौन संबंध बनाना दुष्कर्म नहीं माना जाएगा। कोर्ट ने याची की जमानत मंजूर करते हुए शर्तों के साथ उसे रिहा करने का आदेश दिया है।