फतेहपुर। काजी-ए-शहर कारी फरीद उद्दीन कादरी ने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग निकाह की तकरीब को सुन्नत व शरीअत के मुताबिक अंजाम दें। जिस निकाह में शरीअत का ख्याल न रखा जाए व हराम रस्मों पर अमल किया जाए उसमें हरगित शिरकत न करें।
शहरकाजी ने कहा कि सुन्नत व शरीअत के मुताबिक निकाह करने पर आप देखेंगे कि इसके बड़े अच्छे और खुशगवार नताएज सामने आएंगे क्योंकि ये फिजूल रस्में मुस्लिम समाज में बहुत ही मज़बूती के साथ जड़ पकड़ चुकी हैं। पाक रिश्ते नापाक रस्मों की भेंट चढ़ रहे हैं। सच तो ये है कि अब रिश्ता नहीं सौदा होता है। जितनी ज्यादा गैर जरूरी रस्मों में हमारा मुस्लिम समाज मुबतेला हैं और गुमराही कीं तरफ बढ़ रहा है काश अपने दीन की सादगी की तरफ देखता तो हमारी व आपकी बल्कि सबकी जिंदगी आसान होती। इसलिए जरूरत इस बात की है कि इसके खात्मे के लिए समाज के जिम्मेदार अफराद जो समाज में अपनी बात मनवाने की पोजीशन रखतें हैं अमली तौर पर आगे आएं। खुसूसन उलमा-ए-केराम व अइम्मा हजराज अपने अपने इलाकों में शादी व निकाह की बेकार रस्मों को बंद करने व शरीअते मुस्तफा सलल्लाहो अलैहि वसल्लम के मुताबिक़ शादी व निकाह करने का पैग़ाम दें। तभी इन जाहीलाना रस्मों का खात्मा हो सकता है।