बता दे कि दुनियाभर के तमाम देशों में महिला अपराध के लिए कड़े कानून बनाए गए हैं। इसके बावजूद भी महिलाओं के खिलाफ कई ऐसे बड़े अपराध हैं जिन्हें अपराध की श्रेणी में ही नहीं रखा गया है। दक्षिण कोरिया में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जब महिलाओं के ऊपर वीर्य फेंके गए लेकिन आरोपी पर यौन अपराध के मामले नहीं दर्ज किए गए। हाल ही के दिनों में एक बार फिर से वहां इस मामले पर चर्चा शुरू हो गई है।
दरअसल, एक रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया के नेताओं ने मांग की है कि ‘सीमेन टेररिज्म’ यानि वीर्य आतंकवाद को एक गंभीर सेक्स क्राइम माना जाए। इसके लिए वहां के नेता मौजूदा कानूनों में संशोधन की मांग कर रहे हैं। इन नेताओं की मांग है कि कानून में संशोधन करते हुए इसमें बदलाव किया जाए और दोषियों को कड़ी से कड़ी का प्रावधान किया जाए।दक्षिण कोरिया में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जब कुछ पुरुषों ने सीमेन का इस्तेमाल किया है और उसे महिलाओं के ऊपर फेंक दिया है। रिपोर्ट में कई उदाहरणों का जिक्र किया गया है। 2019 में एक शख्स ने एक महिला के जूतों पर सीमेन डाल दिया था। अदालत ने इस शख्स पर सिर्फ 435 डॉलर्स का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था।
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि पुलिस ने इस मामले में बताया था कि आरोपी पर सिर्फ प्रॉपर्टी डैमेज के चार्ज लगाए गए थे क्योंकि इस केस में यौन अपराध के आरोपों को लागू करने के लिए कोई कानूनी प्रावधान मौजूद नहीं थे। इतना ही नहीं एक अन्य मामले में एक शख्स को तीन साल की सजा सुनाई गई थी क्योंकि इस शख्स ने महिला की कॉफी में सेक्शुएल इच्छाएं बढ़ाने वाली दवा के साथ ही सीमेन डाल दिया था।
‘द गार्जियन’ ने इस मामले में कई नेताओं के बयान भी लिए हैं। नेताओं का कहना है कि जब यह अपराध गंभीर अपराध है तो इसे सेक्स क्राइम क्यों नहीं माना जाता है। इसके अलावा दक्षिण कोरिया की स्थानीय मीडिया ने भी सीमेन टेररिज्म की कई घटनाओं को रिपोर्ट किया है। कोरियन वीमेन लिंक की सेक्रेटी जनरल ने भी इस मामले पर बताया कि हर सेक्स क्राइम एक गंभीर अपराध होता है। इन केसों को हिंसा के मामूली मामले नहीं समझना चाहिए। ये ना केवल सेक्स क्राइम है बल्कि इन्हें हेट क्राइम की श्रेणी में भी डाला जाना चाहिए।