पत्‍नी की हत्‍या कर पति ने टुकड़ों में काट दी लाश, खुला 24 दिन बाद ऐसे राज

यूपी के मेरठ में विवाह करने वाली जानकीपुरम के व्यापारी की बेटी रूबी गुप्ता की उसके पति दीपक निराला ने ही हत्या की थी। निराला ने कबूल किया कि उसने 22 अगस्त को रुबी की मूसल से वार कर बेरहमी से हत्या कर दी थी। पुलिस के अनुसार दीपक पत्नी की हत्या कर खुद को बचाने के लिए दृश्यम फिल्म की थीम आजमाना चाहता था। इसके लिए उसने पूरी तैयारी भी की हुई थी।

दीपक ने पत्‍नी की हत्‍या के बाद उसकी लाश को छूरी से दो टुकड़ों में काट दिया। इसके बाद बोरे में उसके टुकड़े भरकर कार से ले जाकर नहर में फेंक दिया था। हत्या के बाद दीपक ने रुबी के पिता राम चन्द्र गुप्ता को बताया था कि उनकी बेटी की मौत बीमारी से हुई है। शक होने पर रामचन्द्र ने डीजीपी से शिकायत की थी। इसके बाद ही जांच शुरू हुई थी और इस मामले में पांच सितम्बर को मुकदमा दर्ज हुआ था। एफआईआर के 10 दिन बाद मेरठ की सरधना पुलिस ने हत्याकाण्ड का खुलासा कर दीपक को गिरफ्तार कर लिया। खुलासे के बाद गोताखोर नहर में उतारे गये लेकिन शव नहीं मिला।

की थी बेरहमी से हत्या: सरधना इंस्पेक्टर ब्रजेश कुमार ने बताया कि दीपक व रूबी के बीच 20 लाख रुपये को लेकर अनबन चल रही थी। इस बात पर 22 अगस्त को झगड़ा हुआ तो दीपक ने रूबी से चाय बनाने के लिए कहा। उसने मना किया तो इसी बात को लेकर दोनों में कहासुनी हो गई। इस बार दीपक ने रूबी के सिर में कांच का गिलास मार दिया। वह बेहोश हुई तो दीपक ने मूसल से उसके सिर में पर कई वार कर मार डाला। इसके बाद दीपक ने छुरी से शव के दो टुकडे़ कर दिये थे। फिर नहर में कार से फेंक आया। दीपक ने ही सब पुलिस अफसरों के सामने बयां किया।

दीपक हत्या कर पहाड़ों पर घूमने गया था : 22 अगस्त की सुबह दीपक ने पत्नी की हत्या कर दी। शाम में उसके शव को गंगनहर में ठिकाने लगा दिया। किसी को शक न हो इसलिए 23 अगस्त को वह अपने दोस्तों के साथ घूमने के लिए पहाड़ों की सैर करने चला गया था। हरिद्वार, ऋषिकेश और मंसूरी में उसने दोस्तों के साथ मस्ती की।

24 अगस्त को रक्षाबंधन पर वह ससुराल लखनऊ भी पहुंचा। यहां उसने जरा भी अहसास नहीं होने दिया कि वह रूबी की हत्या कर चुका है।पुलिस के अनुसार दीपक पत्नी की हत्या कर खुद उससे बचने के लिए दृश्यम फिल्म की थीम आजमाना चाहता था। उसने पूरी तैयारी भी की हुई थी। हत्या उसके बाद शव को छुपाना, बाद में पहाड़ों पर घूमने निकल जाना, लखनऊ ससुराल पहुंच जाना सब कुछ उसने उसी थीम पर किया। रेल के टिकट, होटल के बिल आदि भी उसने संभालकर रखे, ताकि वह पत्नी की हत्या में शामिल न होने का नाटक रच सके।

 

 

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