पहले कभी यहां नार्मल स्कूल हुआ करता था और अब यह स्थान बांदा जिला पंचायत के अधिकार क्षेत्र में है परंतु शासन और प्रशासन के बीच ताल मेल न होने के कारण आज ये डेंगू जैसी महामारी की खदान बन चुका है गूलर नाका के बीचों बीच होने के बाद भी सुध लेने वाला न तो कोई जन प्रतिनिधि है और नही कोई अधिकारी है जल भराव के चलते बदबू, गंदगी, बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है।*