उज्जैन में पिता को प्रेमिका के साथ रंगे हाथ पकड़ने के लिए बेटा ग्वालियर से जयपुर और वहां से उज्जैन 800 किलोमीटर पीछा करके आया। वह होटल मिलन हॉलिडे में ठहरे पिता के कमरे में घुसा और हंगामा करने लगा। इसके बाद होटल ने बुजुर्ग प्रेमी-प्रेमिका को बाहर निकाल दिया। दोनों होटल में पति-पत्नी के रूप में रुके थे। दोनों के बीच फेसबुक पर दोस्ती हुई जो बाद में प्यार में बदल गई।
62 साल के आलोक चौधरी ग्वालियर की निजी कंपनी में है जबकि 59 साल की प्रेमिका जयपुर में FCI में विकास अधिकारी है। आलोक के बेटे अंकुर ने बताया कि मां अनुका चौधरी पिता के अफेयर और रोजाना होने वाले पारिवारिक विवाद से परेशान थी। शुक्रवार को पिता घर से बिना बताए निकल गए। उनके पास जयपुर से उज्जैन का टिकट था।
मां के कहने पर मैं कार में इनके पीछे लगा। पिता बस से पहले जयपुर गए। जयपुर से ट्रेन के जरिए प्रेमिका के साथ उज्जैन पहुंचे। अंकुर ने बताया कि पिता के ट्रेन में सवार होने के बाद मैं कार से वापस उज्जैन पहुंचा और स्टेशन पर इंतजार करने लगा। जैसे ही मंगलवार सुबह 4 बजे पिता अपनी प्रेमिका के साथ उज्जैन उतरे मैं दोबारा उनके पीछे लग गया। दोनों महाकाल मंदिर के सामने स्थित मिलन हॉलिडे होटल गए।
अंकुर ने बताया कि इसके बाद होटल के कमरे में पहुंचकर मैंने दरवाजा खुलवाया। पिता और उनकी प्रेमिका को जमकर खरीखोटी सुनाई। बेटे ने पिता से कहा कि ग्वालियर में पैर मत रखना चाहे तोमर या किसी गुंडे को बुला लेना। अब जयपुर में ही मिलेंगे। आलोक ने अपने बेटे से कहा कि यहां से निकल जाओ।
62 साल के अलोक और उनकी प्रेमिका मंगलवार सुबह 4 बजे जयपुर से मैसूर एक्सप्रेस ट्रेन से उज्जैन पहुंचे। बेटे अंकुर ने रेलवे स्टेशन से ही दोनों का फोटो और वीडियो बनाना शुरू कर दिया। पिता के होटल जाने के बाद और वहां हंगामे के दौरान भी अंकुर के साथ मौजूद रहे दोस्त ने पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया।
अंकुर ने दावा है कि पापा रोजाना घर पर मम्मी से विवाद करते हैं। मम्मी से 13.50 लाख रुपए की डिमांड कर तलाक लेने को बोल रहे थे। इस बीच हमें पापा की फेसबुक फ्रेंड के बारे में पता चला। फेसबुक फ्रेंड जयपुर FCI (फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) में विकास अधिकारी के पद पर काम करती है। उसके पति का देहांत हो चुका है।
अंकुर ने अपने पिता की करतूत को पकड़ने और उनका सच सामने लाने के लिए ग्वालियर से जयपुर 332 किमी और जयपुर से 514 किमी का सफर तय किया। सोमवार शाम को ही अंकुर उज्जैन पहुंच चुका था। अंकुर सुबह ही रेलवे स्टेशन पर इंतजार कर रहा था। जैसे ही वे ट्रेन से उतरे अंकुर ने पीछा करना शुरू कर दिया। इसके साथ ही उसने वीडियो भी बनाए और फोटो भी लिए।
अंकुर ने उज्जैन एडिशनल एसपी अमरेंद्र सिंह से भी मिलकर मदद मांगी लेकिन सिंह ने मामला ग्वालियर और जयपुर का होने के चलते मदद से इनकार कर दिया। इससे पहले भी आलोक चौधरी ने छिंदवाड़ा में भी इस तरह की करतूत की थी। तब परिवारवालों ने ही अलोक को पुलिस से बचाया था।
बेटे अंकुर चौधरी ने दावा किया कि मेरे पापा मेरी मां को लंबे समय से प्रताड़ित कर रहे थे। मम्मी इस बात के लिए तैयार थी कि दोनों साथ-साथ रह लो। पापा हमेशा मां के चरित्र पर सवाल उठाते हैं जबकि वे गलत हैं। डायवोर्स का केस चल रहा है। एक साल के करीब हो गया है। मम्मी इस बात में तैयार थीं कि पापा और उनकी दोस्त खुशी खुशी साथ रह लें लेकिन वे मां से मुआवजा मांग रहे हैं। पैसे के लालच में महिला से दोस्ती कर रहे हैं। मैं उसके विभाग से शिकायत करूंगा और पिता पर मानसिक प्रताड़ना का केस करूंगा। मेरे पास ग्वालियर से जयपुर जाने और वहां से उज्जैन आने के सभी वीडियो और फोटो के प्रमाण हैं।