सकरन गांव में 9.90 लाख का घोटाला, प्रधान को नोटिस 

उन्नाव। मुनीर खान न्यूज़ वाणी  विकासखंड बिछिया के सकरन गांव में निर्माण व विकास कार्यों में लाखों का घोटाला सामने आया है। प्रधान और सचिव पर 9.90 लाख रुपये हड़पने का आरोप है। जांच में इसका खुलासा होने पर डीएम ने प्रधान को नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर प्रधान के प्रशासनिक व वित्तीय अधिकार सीज किए जाएंगे
 सकरन गांव में लाखों के घोटाले की शिकायत पर बीडीओ द्वारा गठित जांच टीम में शामिल अवर अभियंता आरईएस राखी द्विवेदी, जेई लघु सिंचाई राजेश कुमार और एडीओ पंचायत शैलेंद्र दुबे ने गांव जाकर स्थलीय जांच की। जांच पड़ताल में दो विकास व निर्माण कार्यों में 120786 रूपये का घोटाला पकड़ में आया। इसमें पुत्तू लोध के दरवाजे से पिंटू बाजपेई के घर तक खड़ंजा मरम्मत के नाम पर 130150 रुपये का व्यय दिखाया गया। जांच के दौरान प्राक्कलन व माप पुस्तिका उपलब्ध नहीं कराई गई।
स्थलीय निरीक्षण में कार्य की लागत धनराशि 77259 रुपये आई। इसमें 52891 रुपये का दुरुपयोग पाया गया। इसी प्रकार सुशील मिश्रा के दरवाजे से मेन रोड तक नाली मरम्मत कार्य में 93750 रुपये व्यय दिखाया। जबकि जांच में 25855 रुपये का ही काम मौके पर मिला। इसमें 67895 रुपये का घोटाला पकड़ा गया। गांव पंचायत में स्ट्रीट मरम्मत पर खर्च किए गए 100439 रुपये का कोई ब्यौरा नहीं मिला। वहीं हैंडपंप की मरम्मत पर खर्च की गई धनराशि 105950 रुपये का कोई विवरण प्रस्तुत नहीं किया गया। जांच में एक तथ्य यह भी प्रकाश में आया कि 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 तक ग्राम पंचायत के खाते से कुल 1344827 रुपये निकाले गए। जबकि जांच में महज 354023 रुपये के कार्य ही प्रमाणित हो सके हैं। जांच अधिकारियों ने प्रथम दृष्टया इसमें भी 990804 रुपये के दुरुपयोग की आशंका जताई और प्रधान सुधाकर तिवारी को नोटिस जारी करके 15 दिन में जवाब मांगा है।
घोटाले की धनराशि की आधी-आधी होगी वसूली
कुल 990804 रुपये के घोटाले में प्रधान सुधाकर तिवारी और तत्कालीन सचिव रजनीकांत पांडेय को 495402 रुपये का बराबर का दोषी पाया गया है। इसी आधार पर दोनों से अलग-अलग वसूली की जाएगी। डीएम ने सचिव रजनीकांत से 495402 रुपये की वसूली करने के आदेश डीपीआरओ राजेंद्र प्रसाद यादव को दिए हैं।

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