बैंड-डीजे और आतिशबाजी  देख कर भड़के शहर काजी, माफी मांगने पर ही पढ़ाया निकाह

 

उस वक्त दूल्हा समेत पूरे बाराती सकते में आ गए जब शहर काजी ने बैंड-डीजे और आतिशबाजी को देखकर निकाह पढ़ाने से इनकार कर दिया। माफी मांगने और मौजूद लोगों के ऐसा फिर न करने की कसम खाने के बाद ही निकाह पढ़ाने को राजी हुए। इसमें दो घंटा लग गया। मंगलवार रात को तलाक महल के एक बड़े  व्यापारी के बेटे की बारात जाजमऊ गई थी। बारात में बैंड था। जहां बारात पहुंची वहां पहले से डीजे बज रहा था। घंटों आतिशबाजी होती रही। यहां निकाह पढ़ाने के लिए लड़का पक्ष ने शहर काजी मौलाना मुश्ताक अहमद मुशाहिदी को बुलाया था।

इतना न डूबो दौलत के गुरूर में

जब शहर काजी निकाह पढ़ाने से मना करते हुए किसी दूसरे काजी को बुलाने की बात कहकर जाने लगे तो दूल्हा ने कह दिया कि सब ऐसा करते हैं तो हमने कौन सा गुनाह कर दिया। इतना कहना था कि शहर काजी बिगड़ गए और कहा कि दौलत के गुरूर में इतना न डूबो। शरीयत के हिसाब से चलो। मजमे के बीच लंबी तकरीर की। शहर काजी की नाराजगी के बाद डीजे बंद हो गया। आतिशबाजी भी नहीं हुई। लड़के और उसके वालिद ने माफी मांगी। जो मौजूद थे उन्होंने भी कहा कि वे आइंदा इन बातों का ख्याल रखेंगे। फिर निकाह हो सका। इसके बाद दावत शुरू हो सकी।

मौलाना मुश्ताक मुशाहिदी, शहर काजी कहते हैं कि  हां मैं जाजमऊ में निकाह पढ़ाने गया था। बैंड-डीजे और आतिशबाजी इतनी ज्यादा थी जिसे देखकर अफसोस हुआ। हमने निकाह पढ़ाने से मना कर दिया। घंटों बाद माफी-तलाफी हुई तो मैं निकाह पढ़ाने पर राजी हुआ। जहां भी इस तरह का माहौल हुआ वहां निकाह नहीं पढ़ाएंगे और यही अपील भी करेंगे।

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