महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के सिविल अस्पताल के कोविड ICU वार्ड में 6 नवंबर को लगी आग में 11 मरीजों की मौत हो गई थी। अब इस मामले की जांच में हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। आरोप है कि जिस दौरान आग लगी लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे, उस दौरान हॉस्पिटल के आईसीयू वार्ड का पूरा स्टाफ बाहर चाय-नाश्ता करने में व्यस्त था। आग लगने के दौरान वार्ड के इंचार्ज भी ड्यूटी पर नहीं आए थे।
अहमदनगर के एसपी मनोज पाटिल ने बताया कि जिस वक्त आग लगी उस वक्त स्टाफ के सभी 4 लोग वहां मौजूद नहीं थे और सभी बाहर चाय-नाश्ता कर रहे थे। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के आदेश पर तोपखाना पुलिस थाने में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब अस्पताल में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है।
एसपी मनोज पाटिल ने बताया कि अगर अस्पताल का स्टाफ इंतजार करता और लोगों की मदद करता तो ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सकती थी। इस अग्निकांड के बाद हॉस्पिटल के मेडिकल ऑफिसर और तीन स्टाफ नर्सों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। पाटिल ने कहा कि चिकित्सा अधिकारी डॉ विशाखा शिंदे और स्टाफ नर्स सपना पठारे, आसमा शेख और चन्ना अनंत को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 और 304 ए के तहत गिरफ्तार किया गया है।
अस्पताल में एडमिट मरीजों को आग लगने के बाद दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा था। इस दौरान अस्पताल में रखे आग बुझाने के उपकरण आग बुझाने में नाकाम रहे जिससे आग बढ़ गई थी। जिस दौरान यह आग लगी, उस समय ICU वार्ड में 20 लोग मौजूद थे। ICU में कई मरीज ऐसे भी थे, जो वेंटिलेटर पर थे। जिस वार्ड में आग लगी, वह अस्पताल के बिलकुल बीच में है इसलिए बचाव कार्य में भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
कंधे पर बैठाकर बीमार पिता को वार्ड से बाहर निकाला
अहमदनगर के रहने वाले विवेक खटिक नाम के शख्स ने बताया कि उनके पिता भी कोविड वार्ड में भर्ती थे और उनकी भी इस हादसे में मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि उस दिन उनके 65 वर्षीय पिता ने उन्हें टेबल फैन लगाने को कहा था। जब वे अस्पताल पहुंचे तो आग लग चुकी थी और चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल और धुंआ ही धुंआ ही था। वे जैसे ही वो वार्ड में गए उन्होंने अपनी मां के चिल्लाने की आवाज सुनी। विवेक ने पहले तो अपने मां को वहां से बाहर निकाला और उसके बाद पिता को कंधे पर बैठाकर बाहर 200 मीटर दूर पुरानी बिल्डिंग में बने दूसरे वार्ड लेकर गए जहां उनके पिता ने आखिरी सांस ली।
5-5 लाख रुपए मृतकों के परिजनों को देने की घोषणा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस हादसे की जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद आरोपी हॉस्पिटल स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने प्रत्येक मृतक के परिजन को 5-5 लाख रुपए देने की घोषणा की है। फिलहाल पुलिस ने धारा 304 के तहत केस दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है. अगर सबूत मिलता है तो इसमें शामिल लोगों को गिरफ्तार भी किया जा सकता है।