बाँदा। विगत 13 अक्टूबर को हुई भाजपा नेत्री के पुत्र की हत्या का आज हमीरपुर की क्राइम ब्रांच टीम के द्वारा सकुशल अनावरण करते हुए हत्या में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए न्यायिक अभिरक्षा में भेजने का काम किया गया है बताते चलें कि जिले की जनता व मृतक अमन त्रिपाठी के परिजनों के द्वारा तमाम जद्दोजहद करने के बाद और राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस के द्वारा मामले का खुलासा किया गया है।बताते चले कि पूरा मामला बांदा जनपद के शहर कोतवाली अंतर्गत का है जहां बीते अक्टूबर माह मैं बंगाली पुरा मोहल्ले में रहने वाला अमन त्रिपाठी 11 अक्टूबर को रहस्यमय तरीके से गायब हो गया था और उसके बाद अचानक अमन त्रिपाठी का शव नदी में तैरता हुआ पाया गया था मृतक अमन त्रिपाठी के परिजनों के द्वारा उसके रहस्यमय तरीके से गायब होने पर संबंधित थाने पहुंच कर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराते हुए तलाश शुरू कर दी गई थी पुलिस की काफी तलाश के बाद अचानक जब उसका सव नदी में तैरता हुआ पाया गया तो गुमशुदगी का मामला हत्या में तब्दील हो चुका था जिसके बाद पुलिस के द्वारा हत्या के मामले को दबाते हुए उसे आत्महत्या का रूप देने का काम किया जा रहा था लेकिन जिले की जनता ने अमन त्रिपाठी की हत्या को लेकर सड़कों पर उतरते हुए कई दिनों तक नारेबाजी की जुलूस निकाले धरने प्रदर्शन भी किए लेकिन उसके बाद भी कोई हल नहीं निकला अंत में हारकर अमन त्रिपाठी के दुखी मां बाप ने उसकी अस्थियों का कलश लेकर जनपद के अनशन स्थल अशोक लाट में बैठने का काम किया गया अमन त्रिपाठी के परिजनों के द्वारा अस्थि कलश लेकर आमरण अनशन पर बैठने के बाद पुलिस के द्वारा हरकत में आते हुए कार्यवाही को तेज करने का काम किया गया जिसके चलते आज पुलिस ने अमन त्रिपाठी की हत्या को अंजाम देने वाले 8 आरोपियों को हिरासत में लेने का काम किया सभी आरोपियों को मेडिकल परीक्षण कराने के बाद सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत करते हुए न्यायिक अभिरक्षा में भेजने का काम किया गया। दूसरी तरफ पूरे मामले की जानकारी देते हुए हमीरपुर क्राइम ब्रांच के क्षेत्राधिकारी विवेक यादव ने बताया कि अमन त्रिपाठी हत्याकांड में नामित सम्राट हुआ उसके अन्य 7 साथियों को हिरासत में ले लिया गया है पहले अमन त्रिपाठी हत्याकांड की जांच बांदा जनपद की पुलिस के द्वारा किया जा रहा था लेकिन परिजनों के दबाव के चलते इसकी जांच हमीरपुर क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी जिस पर हम लोगों के द्वारा घटनास्थल पर पहुंचकर मामले को रीक्रिएट करते हुए जांच पड़ताल शुरू की गई जांच में मिले साक्ष्यों के आधार पर सभी को गिरफ्तार करते हुए मुकदमे की धारा 304 201 109 व 34 आईपीसी की धारा के तहत मामला पंजीकृत करते हुए सभी को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने का काम किया गया है।