कबाड़ी के गोदाम में आग लगने से पिता और 3 बच्चे जिंदा जले, महिला की हालत गंभीर

 यमुनानगर में एक कबाड़ गोदाम में लगी भीषण आग में एक ही परिवार के 4 लोग जिंदा जल गए। आग बुधवार रात डेढ़ बजे लगी। परिवार गोदाम के ऊपर बने क्वार्टरों में रह रहा था। पुलिस ने 17 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। दमकल की 8 गाड़ियों ने कई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया। आग में पूरा गोदाम राख हो गया।

प्रिंस के अनुसार,  बुधवार रात डेढ़ बजे के आसपास दम घुटने का अहसास हुआ तो उसकी नींद खुल गई। वह घर से बाहर निकला तो देखा कि चारों तरफ धुआं ही धुआं था और कबाड़ के एक गोदाम से ऊंची-ऊंची लपटें उठ रही थीं। यह गोदाम नवीन का था जो 40 साल से कबाड़ का काम कर रहा है। इस गोदाम के ऊपर ही नवीन ने मजदूरों के रहने के लिए 22 क्वार्टर बना रखे थे और घटना के समय इन क्वार्टरों में 17 लोग रह रहे थे।

प्रिंस के अनुसार, आग की लपटें देखकर उसने शोर मचाकर आसपास के लोगों को इकट्ठा किया। तुरंत यमुनानगर सिटी थाने और दमकल विभाग को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम और दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। इसके बाद आग का गोला बन चुके गोदाम के ऊपर बने क्वार्टरों में रहने वाले लोगों को निकालने का काम शुरू किया गया।

गोदाम के ऊपर ही एक क्वार्टर में बिहार के मधुबनी जिले के मिल्कमादीपुर गांव का नियामुद्दीन अपनी पत्नी नसीमा और 3 बच्चों के साथ रहता था। आग ने सबसे पहले उसी के क्वार्टर को अपनी चपेट में लिया। इससे 37 वर्षीय नियामुद्दीन और उसकी बेटी फिजा (12), बेटे चांद (8) और रेहान (3) की मौके पर ही मौत हो गई। पत्नी नसीमा (25) गंभीर रूप से झुलस गई। उसे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया।

आग लगने के कारणों का पता नहीं चल रहा। प्राथमिक जांच में इसकी वजह शार्ट सर्किट माना रहा है। यमुनानगर के जिला दमकल अधिकारी प्रमोद दुग्गल ने कहा कि कबाड़ गोदाम में कई बार ज्वलनशील पदार्थ भी होते हैं। ऐसे में जांच के बाद ही पता चल सकेगा कि आग कैसे लगी।

दीवार तोड़कर पुलिस ने  निकाले लोग

आग लगने के बाद चारों तरफ चीख-पुकार मच गई। आसपास के घरों में रहने वाले लोग बाहर निकल आए। पुलिस ने स्थानीय लोगों और दमकल कर्मचारियों की मदद से अन्य क्वार्टरों में रह रहे लोगों को दीवार तोड़कर और छत के रास्ते निकालना शुरू किया। इस दौरान दो जगह से दीवार तोड़ी गई क्योंकि आग फैलने की वजह से सीढ़ियों का रास्ता बंद हो चुका था। पुलिस ने रतनेश, श्याम बिहारी, शिवम, पन्नालाल, सुनीता, सूरज, मनोज, रिया, सुरेंद्र, इंद्र, विशाल, चंदन, खुशबू, आदित्य को बाहर निकाला।

रखवाए पोस्टमार्टम हाउस में  शव

यमुनानगर सिटी थाने के सब इंस्पेक्टर दल सिंह ने बताया कि चार शव पोस्टमार्टम हाउस में रखवाए गए हैं। अस्पताल में भर्ती नसीमा की हालत गंभीर बनी हुई है। जांच के बाद ही पता लगेगा कि आग कैसे लगी? उधर हादसे की जानकारी मिलने के बाद यमुनानगर नगर निगम के मेयर मदन चौहान भी घटनास्थल पर पहुंचे। गोदाम लगभग 40 साल पुराना था और कबाड़ से पूरी तरह भरा था।

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