विद्यालय की छात्राओं ने पर्यावरण बचाव जागरूकता रैली निकाली

डलमऊ रायबरेली। न्यूज़ वाणी  स्वच्छ वातावरण शांतिपूर्ण और स्वस्थ जीवन जीने के लिए बहुत आवश्यक है। लेकिन मनुष्य की लापरवाही के चलते पर्यावरण दिन ब दिन गन्दा होता जा रहा है। यह एक मुद्दा है जिसके बारे में हर किसी को पता होना चाहिए खासकर के बच्चो को उक्त बातें प्रबन्धक निरंजन सिंह रैली के दौरान कही।  विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मंगलवार को मुराई बाग कस्बे के श्रीमहाराणा प्रताप महिला महाविद्यालय में वन विभाग के सहयोग से विद्यालय की छात्राओं ने पर्यावरण बचाव जागरूकता रैली निकाली। रैली के दौरान छात्राओं ने मुराई बाग कस्बे के विभिन्न मार्गों से होते हुए लोगों को पौध रोपड़ व प्लाष्टिक के प्रयोग को रोंकने के लिए श्लोगन के माध्यम से जागरूक किया। इस अवसर पर वन विभाग के डिप्टी फारेस्टर आरपी शुक्ल ने कहा कि, पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए हम सभी को कम से कम एक पौधा रोपित करने की आवश्यकता है। यदि ऐसे ही पर्यावरण में दूषित गौसों की मात्रा बढ़ती रही हो तो आने वाली पीढ़ी का जीवन संकट में होगा। वहीं विद्यालय के प्रबंधक निरंजन सिंह ने कहा वृक्ष धरा के आभूषण है हम सभी को पृथ्वी के श्रंगार के लिए पौध रोपित तो करना ही चाहिए साथ ही साथ पौधों के संरक्षण के लिए भी गम्भीर होना चाहिए। गन्गा नदी में मछलियों के मरने का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है।मछलियां प्रदूषण से मर रही है या दूषित जल से यह अधिकारी भी बताने से कतरा रहे है।आपको बताते चले कि लगभग एक माह पहले भी गन्गा नदी में हजारों मछलियां मरी हुई थी।मर रही मछलियों को संज्ञान में लेकर अधिकारी जांच पड़ताल करने जरूर आये थे लेकिन सिर्फ खानापूर्ति करके वापस चले गय थेे,नही तो शायद दोबारा ऐसी घटना न घटती।बुधवार को कस्बे के वीआईपी घाट से लेकर तकरीबन सभी घाटो पर मरी हुई मछलियां उतरा रही थी।गन्गा स्नान करने आये श्रद्धालुओं ने मरी हुई मछलियों के बारे में अपने तीर्थ पुरोहितों को बताया।जिस पर तीर्थपुरोहितो ने तहसील प्रसासन को मरी हुई मछलियों के बारे में बताया।मछलियों के गन्गा नदी में मरने को लेकर घाट किनारे कस्बेवासियों का मजमा लग गया और लोग तरह तरह की चर्चा करने लगे।कस्बेवासियों की सूचना पर पहुंचे तहसील के अधिकारियों ने मछलियां किस वजह से मर रही है उसका जायजा लेते हुए सम्बंधित विभाग को बताकर जांच पड़ताल करने की बात कही।वही मरी हुई मछलियों को स्थानीय मछुआरों द्वारा बोरो में भरने का सिलसिला पूरी रात जारी रहा।घाट किनारे स्थित कस्बे के लोगों ने बताया कि मछुआरों द्वारा बोरो में मछलियों को भरकर व्यापार के लिये भेज दिया गया है।इस बात को लेकर समय रहते अधिकारियों ने ध्यान न दिया तो मछलियों की खरीद फरोख्त करने वाले व्यक्ति बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।इस सम्बंध में उपजिलाधिकारी प्रदीप कुमार वर्मा ने बताया कि मामले को लेकर जिलाधिकारी को अवगत करा दिया गया है डीएम ने दो सदस्यीय टीम गठित की है।जिससे दोबारा ऐसी पुनरावृति न हो सके।

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