बिहार में नीट परीक्षा में फर्जीवाड़ा का एक ऐसा मामला सामने आया हैजहाँ स्कॉलर के माध्यम से पास होने वाली अभ्यर्थी को गिरफ्तार कर लिया गया है। अभ्यर्थी त्रिपुरा के धलाई जिले की रहने वाली है। वाराणसी के सारनाथ पुलिस ने त्रिपुरा के धलाई जिले से पकड़ा है। नाबालिग छात्रा का नाम उस समय सामने आया था जब पटना के बहादुरपुर निवासी व बीडीएस की छात्रा जूली को स्कॉलर के तौर पर वाराणसी के परीक्षा केंद्र से पकड़ा गया था।
स्कॉलर जूली ने पुलिस के सामने इसका खुलासा किया था। जूली ने नीट परीक्षा पास कराने के लिए त्रिपुरा के धलाई जिले की अभ्यर्थी से 50 लाख रुपये की मांग की थी। दोनों के बीच इस पर सहमति भी बन गई। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में नीट की परीक्षा हुई जिसमें पटना की स्कॉलर जूली बैठी। चेकिंग के दौरान पुलिस को इस पर थोड़ा शक हुआ। पुलिस ने जूली से पूछताछ शुरू की उस वक्त जूली कुछ भी बताने के इनकार कर दी। पुलिस की सख्ती से पूछताछ में जूली ने पूरे मामले का खुलासा किया। वाराणसी पुलिस के समक्ष नीट में सेटिंग करने वाले गिरोह के सरगना समेत कई लोगों के नाम सामने आया था।
दिया गया था सरगना को पांच लाख रुपये एडवांस
जानकारी के अनुसार, नाबालिग अभ्यर्थी के पिता ने सॉल्वर गिरोह का सहारा लेकर अपनी बेटी को नीट परीक्षा पास कराने की कोशिश की। उन्होंने इसके लिए सॉल्वर गिरोह से 50 लाख रुपये में डील की थी और एडवांस के रूप में पांच लाख रुपये भी दे चुके थे। इन्होंने त्रिपुरा के रहने वाले मृत्युंजय देवनाथ व एक कोचिंग संचालक के माध्यम से सॉल्वर गिरोह के सरगना पीके से बात की थी और उसे ही पांच लाख रुपये दिये थे. काम पूरा होने पर 45 लाख रुपये देने का वादा किया था