यूपी बांदा जिले में जंगल अन्ना गायों को सिर्फ छोड़ा ही नहीं गया, बल्कि उन्हें मिट्टी और भारी-भरकम पत्थरों में जिंदा दफन कर दिया गया। मौके पर पहुंचे स्थानीय भाजपा विधायक राजकरन कबीर ने कई दफन गायों को मिट्टी और पत्थरों से बाहर निकलवाया।
इनमें कुछ की मौत हो गई थी और कुछ की सांसें चल रही थीं। विधायक ने कहा कि यह करतूत करने वाले अधिकारी या कर्मियों को बख्शा नहीं जाएगा। उच्च स्तरीय जांच कराकर उन पर कार्रवाई होगी। मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। नगर पंचायत नरैनी गोशाला से शनिवार की शाम करीब आठ ट्रकों में अन्ना गायों को भर ले जाया गया था।
वहां कुछ अधिकारी भी मौजूद थे। मौके पर पहुंचे गोसेवक विनोद दीक्षित और सोनू करवरिया ने टोका तो बताया गया कि गोशालाओं में भेजा जा रहा है।
इसका संज्ञान लेते हुए सोमवार को नरैनी क्षेत्र के भाजपा विधायक राजकरन कबीर कई साथियों के साथ मध्य प्रदेश की घाटी पहाड़ीखेड़ा (पन्ना) पहुंचे। यहीं अन्ना पशुओं को छोड़ा गया था। सड़क किनारे मिट्टी और पत्थरों के ढेर देखकर उन्हें शंका हुई।
लोगों और पुलिस की मदद से पत्थर और मिट्टी हटाई तो कई गायें दफन मिलीं। विधायक ने बताया कि खबर छपने के बाद इन गायों को सुबह जिंदा ही मिट्टी में दफन कर दिया गया। विधायक और उनके प्रतिनिधि के मुताबिक लगभग आधा सैकड़ा गायें दफन की गई हैं।
विधायक राजकरन कबीर ने नरैनी एसडीएम सुरजीत सिंह से फोन पर गायों के बारे में पूछा तो उन्हें बताया गया कि गोशालाओं में भेजा गया है। एसडीएम के मुताबिक कुल 96 गायें थीं। इनमें गुढ़ाकलां की गोशाला में 26, नहरी में 25 और मसौनी में 38 व कुछ गायें रगौली भटपुरा भेजी गई हैं। एसडीएम ने बताया कि सभी गायों को तीन गोशालाओं में रखा गया है। कहा कि पता नहीं विधायक जी कौन सी गायों को पत्थरों के नीचे से निकलवा रहे हैं। उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
विश्व हिंदू परिषद सहित गो रक्षकों ने जिलाधिकारी को सामूहिक हस्ताक्षरों से भेजी अर्जी में कहा है कि चार दिसंबर को शाम करीब पांच बजे स्थानीय प्रशासन ने नरैनी कस्बे से सैकड़ों अन्ना गोवंश को लापरवाही से ट्रकों में ठूंसकर भेज दिया।
कई गायों की मौत संभावित थी। गोसेवकों ने इस पर आपत्ति जताई थी, लेकिन उनकी सुनी नहीं गई। इसकी जांच करवाएं और गोरक्षकों को जानकारी उपलब्ध कराएं कि किन गोशालाओं में रखा गया है। ज्ञापन देने वालों में विश्व हिंदू परिषद के तहत गोरक्षक विनोद दीक्षित सहित मनोज कुमार, रविंद्र गौतम, बजरंग दल सेवा प्रमुख सोनू करवरिया आदि शामिल हैं।