बिहार के मुजफ्फरपुर में सावित्री ने यमराज से लड़कर पति को मौत के मुंह से छीन लिया था। कलावती ने बाघ के मुंह से पति पारस को बचा लिया। पारस सोनी अपनी पत्नी कलावती देवी के साथ अहले सुबह खेत घूमने के लिए गांव के ही समीप सरेह में निकले थे। तरुअनवा गांव के पास वीटीआर के जंगल से निकलकर आए बाघ ने 60 वर्षीय पारस सोनी पर बाघ ने जब हमला किया तो उनकी पत्नी कुछ दूर अलग थीं। लेकिन जान बचाकर भागने के बजाय वह पति काे बचाने का कोशिश करने लगी और जोर-जोर से शोर मचाने लगीं। शोर सुनकर लाठी, डंडे आदि के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण जुट गए, जिसके बाद बाघ उन्हें छोड़कर जंगल की ओर चला गया। इस दाैरान पारस सोनी का एक हाथ बाघ चबा गया है।
इस घटना के बाद ग्रामीण पारस सोनी को संभालने में लगे ही थे कि तब तक बाघ ने खेत में काम कर रहे पारस गुरो पर हमला कर डाला। हालांकि, ये दोनों जिंदा तो बच गए हैं, लेकिन गंभीर रूप से घायल हैं। दोनों घायलों को फौरन इलाज के लिए हरनाटांड़ पीएचसी पहुंचाया गया, जहां ड्यूटी पर मौजूद डॉ. राजेंद्र काजी ने आरंभिक इलाज के बाद इन्हें अनुमंडलीय अस्पताल रेफर कर दिया।
मुखिया प्रतिनिधि ने बताया कि सरेह में बाघ के फुटप्रिंट मिले हैं। इस घटना के बाद ग्रामीणों में भय का माहौल है। वे सरेह की ओर जाने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं। गांव में भी लोग दरवाजों पर आग जला रहे हैं ताकि बाघ गांव की ओर रुख नहीं कर सके। मदनपुर वनक्षेत्र की प्रभारी एसीएफ अमिता राज ने बताया कि बाघ के हमले की जानकारी मिलते ही वनकर्मियों को अलर्ट कर दिया गया है। बाघ के लोकेशन व गतिविधियों पर नजर रखने की हिदायत दी गई है। घायलों की समुचित सहायता की जाएगी। परिजनों से आवेदन मिलने पर निर्धारित प्रावधान के तहत उचित मुआवजा दिलाया जाएगा।