पैलानी (बांदा): स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो इसके लिए शासन व प्रशासन लगातार जोर लगा रहा है, लेकिन पैलानी पीएचसी की दशा इसके ठीक उल्टा है। यहां बीते 30 दिनों से कोई चिकित्सक नहीं* /__फहीम भारतीय

पैलानी कस्बे में 1995 में नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया था, वर्ष 2017 में योगी सरकार उच्चीकृत भी कर दिया। बावजूद इसके निर्देशों को धता बताते हुए स्वास्थ्य विभाग अपनी हठधर्मिता पर उतारू है, जिसके कारण अस्पताल की सेवाएं पानी मांग रहीं हैं। यहां हर दिन तीस से चालीस मरीज पहुंचते हैं, लेकिन डाक्टरों के अभाव में उन्हें लौटना पड़ता है। डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, अस्थमा जैसी मौसमी बीमारी पर भी उपचार न मिलना स्वास्थ्य विभाग पर एक प्रश्न चिह्न रहा है। यूं तो कस्बे की आबादी 12000 है। 5300 मतदाता मताधिकार का प्रयोग करते हैं लेकिन मत देने के बाद भी स्थानीय जनप्रतिनिधि अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कतई फिक्रमंद नहीं हैं। कस्बे के आसपास के गांव नरी, कुकूवा, अमलोर, पिपरहरी, निवाइच, पैलानी डेरा,पड़ोहरा पर डेरा समेत अन्य गावों यहां से हर दिन वापस लौट जाते हैं।

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