अपराधियों पर मेहरबान थरियाँव पुलिस– राजेश यादव

कैसे लगेगी अपराधियों पर लगाम जब थरियाँव पुलिस हो मेहरबान।

 

अपराधियों को सबक सिखाने वाली थरियाँव पुलिस जब अपराध में संलिप्त हो जाए तो वादी को कैसे न्याय मिल सकता है।जिसका जीता जागता उदाहरण पेपर की सुर्खियों में रहने वाले साधन सहकारी समिति सीतापुर के सचिव त्रिभुवन मौर्य व पूर्व सचिव राजेंद्र सिंह यादव पर जबरन किसान से ₹13500 रिश्वत के रूप में लिए गए। जिसका वीडियो वायरल होते ही माननीय जिलाधिकारी महोदया ने संज्ञान लेते हुए दोनों कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया। थरियाँव पुलिस ने मेहरबानी बनाते हुए धारा 408 में मुकदमा पंजीकृत करते हुए पहले ही मरहम पट्टी लगा दी। 2 दिन की चली गणेश परिक्रमा में कोर्ट के चक्कर लगाते हुए थरियाँव पुलिस अभयदान देने में कामयाब रही।उसी का नतीजा रहा कि आज दिनांक को निजी मुचलके पर दोनों अपराधियों को अपराध मुक्त करते हुए सर्टिफिकेट देते हुए विदा करने में कामयाब रहे। भला ऐसा पुलिस का रवैया रहा तो कैसे किसान को न्याय मिल पाएगा। ऐसे में तो पुलिस की कार्यशैली से अपराधियों के हौसले बुलंद होंगे और किसान का शोषण होने से भला कैसे रोक पाएंगे। सरकार की मंसूबों पर पलीता लगाते हुए थाना प्रभारी ने अभयदान दे दिया यहां तक की जिले के बैठे अधिकारियों को भी गुमराह करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। किसानों में अब संशय है कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने में जब पुलिस सहित विभाग के कर्मचारी मेहरबान हो गए तो भला कैसे न्याय मिल पाएगा।

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