एक भी टेबलेट लिए बिना  ही परिवार ने जीत ली ओमिक्रॉन से जंग 

 राजस्थान ।साउथ अफ्रीका से अपने परिवार के साथ लौटे 47 साल के अशोक अग्रवाल  25 नवंबर को जयपुर पहुंचे। भारत पहुंचने से पहले उनका 4 बार कोविड टेस्ट नेगेटिव आ चुका था, लेकिन जब उन्होंने भारत में 2 दिसंबर को टेस्ट कराया तो वो कोविड पॉजिटिव निकले और फिर जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट में भी ये ओमिक्रॉन पॉजिटिव आए। एक पल भी इस परिवार को ये नहीं लगा कि वो थोड़े से भी बीमार हैं। 4 लोगों के परिवार में एक भी सदस्य को एक जरा सा भी लक्षण महसूस नहीं हुआ, लेकिन डॉक्टर बता रहे थे कि वो ओमिक्रॉन पॉजिटिव हैं।

अशोक अग्रवाल ने अपने और परिवार के ओमिक्रॉन संक्रमित होने की आपबीती हमसे खास इंटरव्यू में साझा की है

सवाल- आप साउथ अफ्रीका से भारत कब और कैसे आए  

जवाब- मैं अपने परिवार के साथ साउथ अफ्रीका से 21 नवंबर को दुबई के लिए निकला था। मैंने 20 नवंबर को लेन्सेट लैब से कोविड टेस्ट कराया था, जो नेगेटिव आया। एयरपोर्ट पर हमने दुबई के लिए उड़ान भरने से पहले 21 को फिर से सैंपल दिया वहां भी हम नेगेटिव आए। 22 नवंबर को हम दोपहर में दुबई पहुंचे वहां पर हमारा फिर टेस्ट हुआ, वहां भी रिजल्ट नेगेटिव रहा।

24 नवंबर को हमने भारत के लिए उड़ान भरने से पहले फिर टेस्ट कराया और हमारा चौथा कोविड टेस्ट भी नेगेटिव आया। हम 25 नवंबर को जयपुर पहुंच गए। हम 4 बार नेगेटिव आ चुके थे तो हमने टेस्ट नहीं कराया और सीधे घर चले गए। हम लगातार ट्रैवल करके आ रहे थे तो 26 और 27 नवंबर को हमने रेस्ट किया।

सवाल- आपको कब पता लगा कि आप कोविड पॉजिटिव हैं ।

जवाब- जयपुर में हमने 1 दिसंबर को एक शादी अटेंड की, वहां पर मौजूद एक शख्स कोविड पॉजिटिव निकला, तो हमने एहतियातन 2 दिसंबर को कोविड टेस्ट करवाया और इस टेस्ट का रिजल्ट पॉजिटिव निकला। हमें सरकारी डॉक्टर नरोत्तम शर्मा फोन आया और उन्होंने हमें हॉस्पिटल में क्वारैंटाइन होने के लिए कहा।

उसी दिन 2 दिसंबर की रात को हम राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस  गए थे तब जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए हमारे सैंपल लिए गए। हमें बताया गया कि हमारी ओमिक्रॉन की रिपोर्ट 7 दिसंबर को आएगी, लेकिन हमें 5 तारीख को ही डॉक्टर ने फोन करके बताया कि जिनोम सीक्वेंसिगी में आपको ओमिक्रॉन पॉजिटिव पाया गया है।

सवाल- ओमिक्रॉन पॉजिटिव होते हुए आपके स्वास्थ्य पर क्या असर हुआ?  

जवाब- जब हमारा जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट हुआ तब हमारे पूरे परिवार में किसी को कोई लक्षण नहीं था। एक भी सदस्य को खांसी, जुकाम, हल्का-फुल्का बुखार कुछ भी नहीं रहा, लेकिन जब हमें पता लगा कि हम ओमिक्रॉन पॉजिटिव डिटेक्ट हुए हैं तो हम काफी डर गए थे, क्योंकि ओमिक्रॉन को लेकर दहशत का माहौल बन चुका था। स्वास्थ्य तो बिल्कुल ठीक था, लेकिन मानसिक तनाव अचानक बढ़ गया। सरकारी हॉस्पिटल RUHS के माहौल से हमारी परेशानी और बढ़ गई। 5 दिसंबर को हमारा ओमिक्रॉन पॉजिटिव होने का रिजल्ट आया, उसी दिन हमारा कोविड टेस्ट नेगेटिव आ चुका था।

सवाल- ओमिक्रॉन संक्रमित लोगों के लिए सरकारी तैयारियां कैसी रहीं? 

जवाब- सरकार ने तेजी से कार्रवाई तो की, लेकिन उनका तरीका और रवैया बहुत गंदा रहा। सरकारी अस्पताल का हमारा अनुभव बेहद खराब रहा। ओमिक्रॉन पॉजिटिव व्यक्ति को जिस तरीके से ट्रीटमेंट दिया जाना चाहिए था, उस तरह से कुछ नहीं हो रहा था। ऐसा लग रहा था कि सरकार ने कोई प्लानिंग ही नहीं की है। 2 दिसंबर को हमारी कोविड की रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही हमें CMHO ने बताया कि आपको हॉस्पिटल ही आकर क्वारैंटाइन होना होगा।। मैं खुद जब कोविड पॉजिटिव था तब गाड़ी चलाकर हॉस्पिटल पहुंचा। मैं हॉस्पिटल का क्वारैंटाइन रूम देखकर हैरान रह गया। वहां पर बदहाली का अंबार लगा हुआ था, जैसे तैसे हमने वहां रात काटी।

सवाल- क्या आप पहले भी कभी कोविड पॉजिटिव हुए थे?  

जवाब- अगस्त 2020 में मेरे पिता की तबीयत खराब थी तब भी मैं साउथ अफ्रीका से भारत आया था, तब 21 अक्टूबर के आसपास मैं कोविड पॉजिटिव डिटेक्ट हुआ था। पहले और अब के लक्षणों में कोई खास फर्क नहीं था। तब भी मुझे कोई लक्षण नहीं थे और इस बार तो बिल्कुल भी कुछ नहीं हुआ। इस बार मानसिक रूप से ज्यादा डरावना अनुभव रहा। सरकार का रवैया विचलित करने वाला था। मेरी जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट मुझे आज तक नहीं दिखाई गई है, मैं कई बार अधिकारियों को मेल लिख चुका हूं, फिर भी अभी तक रिपोर्ट नहीं मिली है।

सवाल- ओमिक्रॉन डिटेक्ट होने के बाद किन बातों का खयाल रखा?  

जवाब- हमें खुद तो कोई लक्षण ही नहीं था, इसलिए कोई परेशानी नहीं हुई, लेकिन मन ही मन चिंता लगी रहती थी कि हम ओमिक्रॉन के कैरियर बनकर दूसरों तक संक्रमण ना फैला दें। तो मैंने अपने परिवार सहित तय किया कि हम किसी के संपर्क में नहीं आएंगे। हमारी ये जिम्मेदारी है कि हम दूसरों को पॉजिटिव ना कर दें। अगर आप ओमिक्रॉन पॉजिटिव पाए भी जाते हैं तो मानसिक रूप से परेशान होने की जरूरत नहीं है। मुझे तो ये महसूस हुआ कि ये वायरल फीवर से भी कमजोर है।

सवाल- अगर किसी का टेस्ट रिजल्ट कोविड पॉजिटिव आता है तो क्या उसे तुरंत जीनोम सीक्वेंसिंग करवा लेना चाहिए?

जवाब- मेरा मानना है कि जीनोम सीक्वेंसिंग कराने का कोई फायदा नहीं है। ओमिक्रॉन वेरियंट साउथ अफ्रीका से नहीं निकला है, वहां पर इसे डिटेक्ट किया गया है। हो सकता है कि भारत में और दूसरे कई म्यूटेंट से लोग संक्रमित हो रहे हों। भले ही ओमिक्रॉन को लेकर रिपोर्ट हैं कि ये ज्यादा तेजी से फैलता है, लेकिन ये हम अपने परिवार के अनुभव से कह सकते हैं कि ये ओमिक्रॉन घातक तो बिल्कुल नहीं है।

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