12-18 की उम्र वालों को स्वदेशी टीका लगाने की तैयारी, 10 करोड़ बच्चों को लगेगी वैक्सीन

 

 

देश में करीब 10 करोड़ बच्चे 15-18 साल की उम्र के बीच हैं। सरकार का प्रयास होगा कि जल्द से जल्द इन बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज लगा दी जाए। मालूम हो कि देश में बच्चों की वैक्सीन की मांग लंबे अरसे से की जा रही है।

लगाई गई कोरोना की अब तक 1.41 अरब डोज 
देश में इस साल 16 जनवरी से कोविड वैक्सीनेशन शुरू हुआ। अब तक 1.41 अरब डोज लगाई जा चुकी हैं। एडल्ट्स आबादी में से 61% से ज्यादा को वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जा चुकी हैं। करीब 90% एडल्ट्स को वैक्सीन की एक डोज लगी है।

लगाई जा रही 30 से ज्यादा देशों में बच्चों को वैक्सीन 
दुनियाभर के 30 से भी ज्यादा देश अलग-अलग शर्तों के साथ बच्चों को कोरोना वैक्सीन दे रहे हैं। क्यूबा में 2 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है तो वहीं, साउथ कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस में 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन हो रहा है।

वहीं, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया  ने भारत बायोटेक की तरफ से तैयार की गई बच्चों की कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सिन के इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी है। भारत बायोटेक की वैक्सीन फिलहाल 12 से 18 साल तक के किशोरों को लगाई जा सकेगी।

सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने तीसरी लहर की चेतावनी के बाद 12 मई को बच्चों पर कोवैक्सिन के ट्रायल की सिफारिश की थी। बच्चों के लिए बनाई जा रही जायडस कैडिला की नीडल फ्री वैक्सीन ZyCoV-D को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। ZyCoV-D के बाद कोवैक्सिन देश की दूसरी वैक्सीन है, जिसे इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिली है।

भारत में ओमिक्रोन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। शनिवार को यह आंकड़ा 449 हो गया। अब तक 17 राज्यों में नए वैरिएंट के केस मिल चुके हैं। सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में 110 है। इसके बाद गुजरात में 49, राजस्थान में 43 और तेलंगाना में नए वैरिएंट से संक्रमित 41 मरीज मिल चुके हैं। महाराष्ट्र में भी सबसे ज्यादा मामले मुंबई में सामने आ रहे हैं !

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