एमपी के ग्वालियर में जयारोग्य चिकित्सालय की फिजियोथैरेपी और न्यूरोलॉजी की ओपीडी में ऐसे करीब 30 फीसदी मरीज आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दी में खून गाढ़ा होने लगता है,जिससे ब्लड का बहाव भी धीमा हो जाता है। इस मौसम में लोग पानी कम पीते हैं। इस कारण नसें सिकुड़ने लगती हैं, जिससे मांसपेशियों में खिंचाव होने लगता है। इससे बचने के लिए तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें।
जीआरएमसी के न्यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश उदैनिया का कहना है कि ठंड के माैसम में पानी और जूस का सेवन अधिक करें। ताजे फलों का सेवन करें। खट्टी चीजों का सेवन कम से कम करें। धूप में बैठे और ठंडे पेय पदार्थों का सेवन से बचें।
वरिष्ठ फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. वैभव चौबे का कहना है कि सर्दी में पानी का सेवन अधिक करें। सोते समय कमरे का तापमान ज्यादा गर्म या ज्यादा ठंडा न रहे, इसका ध्यान रखें। धूप निकलने के बाद ही टहलने जाना चाहिए। सर्दी से पूरा बचाव रखें। देर रात में भोजन नहीं करें, खाना नियमित सही समय पर खाएं।
गजराराजा मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों के काम पर लौटने का असर सोमवार को ओपीडी में दिखा। जहां शुक्रवार को 1485 तथा शनिवार को 424 मरीज ही ओपीडी में दिखाने आए थे। वहीं जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होने का असर सोमवार को ओपीडी में 3084 मरीज दिखाने आए।
ओपीडी में सुबह से ही मरीजों की कतार लगना शुरू हो गई थी। सबसे ज्यादा 456 मरीज स्किन रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुभव गर्ग की ओपीडी में थे। मेडिसिन विशेषज्ञों ने 431 मरीज देखे। मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण डॉक्टरों ने ओपीडी टाइम से अधिक समय तक मरीज देखे। ऑपरेशन भी प्रारंभ हो गए।