भोर में लगी आग बाल बाल बचे झोपड़ी में सोये परीजन — ब्यूरो शोएब खान

 

दुर्गावती (कैमूर) जिला के स्थानीय क्षेत्र के ग्राम अशोगा में।चार बजे भोर में एक गरीब की झोपड़ी में लगी आग में झोपड़ी में रखे सारा सामान जलकर खाक हो गया लेकिन घर में सोये परिजन बाल-बाल बच गए। एक कहावत है कि जाको राखे साइयां मार सके न कोई बाल न बांका कर सके जो जग बैरी होय ।यही कहावत चरितार्थ होती है बुधिया देवी पति तुलसी बिंद ग्राम अशोगा के साथ हुई। शुक्रवार की रात्रि गांव से बाहर बनी झोपड़ी में खाना खा कर के अपने बाल बच्चों के साथ बुधिया देवी सोई की अचानक 4:00 बजे भोर में किसी ने उसकी झोपड़ी में आग लगा दी। जैसे ही झोपड़ी जलने लगा गरम आच महसूस कर बुधिया देवी घर से बाहर निकली तो झोपड़ी में लगी आग को देख कर हैरान हो गई । आनन-फानन में अपने बाल बच्चों को बाहर निकाली लेकिन झोपड़ी में रखें चारपाई रजाई चादर खाने के सामान को नहीं बचा पाई ।बुधवार को थाने पहुंचकर बुधिया देवी ने लिखित आवेदन देकर उचित मुआवजे खाने पीने की मांग के लिए आवेदन दिया ।जहां से अग्रिम कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा।

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