नई दिल्ली: दिल्ली में बीजेपी घबराई हुई है इसलिए उसने 153 पार्षदों का टिकट काट दिया है. ये दावा है आम आदमी पार्टी का जो पहली बार दिल्ली नगर निगम चुनाव में उतर रही है. आप आदमी पार्टी नेता दिलीप पाण्डेय ने कहा, ‘153 पार्षदों के टिकट काटने का मतलब आप घबराये हुए हैं, इसका मतलब है आप भी मानते हैं कि ये महाभ्रष्ट हैं, इसलिये आप मजबूर हैं इनका टिकट काटने को.’ दो दिन पहले ही दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने ऐलान किया था कि इस बार बीजेपी किसी मौजूदा पार्षद को टिकट नहीं देगी. दिलीप पांडेय से पूछा गया कि क्या वे बीजेपी पार्षद आम आदमी पार्टी के संपर्क में हैं? तो दिलीप पांडेय ने जवाब दिया कि, ‘बीजेपी और कांग्रेस के बहुत से अच्छे लोग हमारे संपर्क में हैं जो टिकट के लिए नहीं बल्कि अपने नेतृत्व से नाराज़ हैं.”
दिल्ली में बीजेपी ने दो दिन पहले जैसे ही ऐलान किया कि वो इस बार नगर निगम चुनावों में सभी मौजूदा पार्षदों को टिकट नहीं देने रही तबसे बीजेपी के ये सभी पार्षद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के संपर्क में हैं और टिकट के जुगाड़ में लगे हुए हैं. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक ‘बीते दो दिन में कुछ पार्षदों की मीटिंग प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन के साथ हुई है लेकिन अभी तक कुछ तय नहीं हो पाया है’ जबकि आप सूत्रों के मुताबिक ‘बीजेपी पार्षद पार्टी नेताओं के संपर्क में हैं लेकिन ये बहुत शुरुआती दौर की बातचीत है.’ दिल्ली में तीनों नगर निगम की 272 सीटें हैं जिनमें से 153 बीजेपी के पास हैं यानी इस बार इन 153 लोगों का बीजेपी ने टिकट काट दिया है. आम आदमी पार्टी अब 272 सीटों में 248 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है जबकि कांग्रेस ने अपने एक भी उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है. ऐसे में बीजेपी के पार्षदों को कांग्रेस से टिकट मिलने की संभावना ज्यादा दिखती है.
हाल में यूपी और उत्तराखंड चुनावों में प्रचंड जीत हासिल करने वाली बीजेपी ने दिल्ली एमसीडी चुनावों में एक नया सियासी दांव खेल दिया है. उसने कहा है कि वह एमसीडी चुनावों में एकदम नए प्रत्याशियों को उतारेगी और किसी भी पुराने चेहरे को टिकट नहीं दिया जाएगा. एमसीडी चुनावों के ऐलान के साथ ही बीजेपी की घोषणा से पार्टी के मौजूदा पार्षदों समेत आम आदमी पार्टी जैसे विरोधी भी हैरान रह गए हैं. दरअसल जानकारों के मुताबिक विजय के रथ पर सवार बीजेपी दिल्ली में किसी भी तरह का जोखिम मोल नहीं लेना चाहती. इसलिए ही उसने ऐसा कदम उठाया है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि बीजेपी पिछले 10 वर्षों से एमसीडी में काबिज है और इसलिए उसको ही सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ेगा. दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी बीजेपी के कब्जे वाली तीनों एमसीडी को नाकारा साबित करने की मुहिम में जुटी हैं. आप एमसीडी के भ्रष्टाचार और नाकारापन को मुद्दा बना रही है. इसी कड़ी में सधा हुआ दांव चलते हुए बीजेपी ने अपने सभी मौजूदा पार्षदों का टिकट काटने का फैसला कर लिया है.
दिल्ली भाजपा ने राज्य चुनाव आयुक्त को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सभी सार्वजनिक प्रतिष्ठानों से दिल्ली सरकार की प्रचार सामग्री हटाने की मांग की है. इस प्रचार सामग्री में होर्डिंग, पोस्टर और बैनर शामिल हैं. दिल्ली भाजपा के महासचिव कुलजीत सिंह चहल ने राज्य चुनाव आयुक्त एस. के. श्रीवास्तव को इस संबंध में एक पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कहा है कि दिल्ली में एमसीडी चुनाव की घोषणा के बाद आचार संहिता लगने की वजह से यह जरूरी है कि राज्य सरकार के सभी प्रचार सामग्री को हटा लिया जाए. चहल ने सरकारी स्कूलों की दीवारों और सरकारी अस्पतालों में लगे मुख्यमंत्री की पोस्टर वाली होर्डिंग भी हटाने की मांग की है.
दिल्ली में एमसीडी चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. 22 अप्रैल को मतदान होगा और 25 अप्रैल को मतगणना होगी. उधर, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी सरकार के मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से एमसीडी चुनाव कराएं. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि पोलिटिकल पार्टियों की मांग है कि नगर निगम चुनाव EVM की जगह बैलट पेपर से कराए जाएं इसलिये आज शाम तक इसके लिए जो भी औपचारिकताएं हैं वो पूरी की जाएं और निगम चुनाव बैलट पेपर से कराये जाएं.’ हालांकि चुनाव में मतदान ईवीएम से ही होगा.
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