असोथर/फतेहपुर,स्थानीय धान क्रय केंद्र में किसानों का लगभग 6000 कुंटल धान खुले आसमान के नीचे एक माह से पड़ा है। तौल के लिए किसान बराबर क्रय केंद्र के चक्कर काट रहा है। किसान टोकन व्यवस्था बदलने से परेशान हैं। जिसमें 28-29 तारीख को किसानों ने किसी तरह टोकन ऑनलाइन करा लिया लेकिन सरकार की गाइडलाइन आई कि मौसम खराब होने के कारण जो केंद्र में धान पड़ा है उसको दो दिनों के अंदर तौला लिया जाए लेकिन टोकन रद्द कर दिया गया। सरकार ने फिर से टोकन व्यवस्था लागू कर दी। किसानों के पास एंड्राइड फोन न होने के कारण ऑनलाइन टोकन नहीं जनरेट करा पा रहे हैं। जिससे मंडी के अंदर पड़े धान के ढेर किसानों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। वहीं धड़ल्ले से बिचौलियों के टोकन जनरेट हो रहे हैं। सरकार ने एक नवंबर से धान खरीद का आदेश दिया था परंतु लेट पेमेंट कटने से 22 नवंबर से हॉट शाखा असोथर में धान
केंद्र में खुले आसमान के नीचे पड़ा धान।
तौल शुरू हुई थी। अब तक धान के ढेर खुले आसमान के नीचे पड़े हुए हैं और टोकन के चक्कर में तौल नहीं हो पा रही है। सुबह से किसान टोकन लिए हाट शाखा पर बैठे रहते हैं लेकिन किसान टोकन जनरेट नहीं करवा पाते और बिचौलिए पूरी तरह से मंडी में हावी होते दिख रहे हैं। सरकार द्वारा चलाया गया यह अभियान किसानों के कोई काम नहीं आ सका, जबकि बिचौलियों को और आसानी हो गई। वही हाल ही में तीन-चार दिन पहले बारिश में किसानों के धान भीग गए थे। जिनके बचाव के लिए किसानों ने तिरपाल ओढ़ाकर अपने ढेरों के बचाव किया लेकिन बेचारे किसानों के किस्मत फूटी दिख रही है। किसानों के ढेरों को तौल तो दूर आला अधिकारी उसे देखना भी मुनासिब नहीं समझते। टोकन जनरेट होने के लिए सुबह 10 बजे का समय दिया गया लेकिन 10 बजते ही साइट स्लो हो जाती है और लाचार किसान अपना माथा पीटता है/