देश में पिछले 1 महीने में ओमिक्रॉन के 1700 से ज्यादा मरीजों की पुष्टि हुई है। ऐसे में ज्यादातर लोगों के मन में एक ही सवाल है कि क्या कोविड-19 की कोई दवा नहीं है? अगर है तो, ये आम जनता तक कैसे पहुंचेगी? क्या इसका कोई साइड इफेक्ट है? ऐसी दवा की बिक्री कब और कहां होगी? आपके इन सभी सवालों का हम जवाब देंगे।
कोविड-19 के इलाज में उपयोग की जाने वाली एंटीवायरल गोली मोलनुपिरावीर को भारत में आपातकालीन मंजूरी मिलने के बाद सोमवार को लॉन्च कर दिया गया है। मोलनुपिरावीर के अलावा कोवोवैक्स और कॉर्बेवैक्स को भी केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने मंजूरी दी है।
मोलनुपिरावीर का इस्तेमाल कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के इलाज में किया जाता है। ये एक पुनर्निर्माण दवा है, जिसे गोली का आकार दिया गया है। मरीज इसे आसानी से ले सकते है। ये गोली वायरस को शरीर में फैलने से रोकती है और जल्दी रिकवर होने में मदद करती है।
संक्रमित मरीज को 12 घंटे के अंदर इसकी 4 गोलियां लेनी होंगी। इलाज के दौरान मोलनुपिरावीर की गोलियों का 5 दिनों तक कोर्स लेना जरुरी है।
कितने रुपए में मिलेगी यह दवा ?
सोमवार को पूरे 5 दिन के कोर्स के साथ मोलनुपिरावीर को 1399 रु. में लॉन्च किया गया। मैनकाइंड फार्मा के चेयरमैन आरसी जूनेजा ने बताया कि, ये दवा अब तक की सबसे सस्ती एंटीवायरल दवा है, जिसकी एक गोली 35 रुपए की मिलेगी और 5 दिन का कोर्स 1399 रुपए में मिलेगा।
मोलनुपिरावीर नाम की यह दवा कहां से खरीद सकते हैं?
माना जा रहा है कि मोलनुपिरावीर की गोलियां बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाएंगी। दरअसल, मेडिकल स्टोर्स पर इसे बेचने की सिफारिश की गई है, लेकिन दुकानदारों को कुछ निर्देश भी दिए जा सकते हैं।
इस दवा का इस्तेमाल उन मरीजों के लिए किया जाएगा, जो गंभीर कोरोना के शिकार हैं और अस्पताल में भर्ती हों।
दवा खरीदने के लिए डॉक्टर की पर्ची की जरूरत होगी या नहीं?
आने वाले दिनों में मोलनुपिरावीर के 5 दिन का कोर्स आपको भले ही मेडिकल स्टोर पर मिल जाएं लेकिन इसे खरीदने के लिए डॉक्टर की पर्ची जरूरी है। केंद्र सरकार ने मोलनुपिरावीर के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दी है, जिसका साफ मतलब है कि इसकी नियंत्रित बिक्री की जा सकती है।
कोई भी अपने मन से इस दवा को नहीं खरीद सकता है। जब तक डॉक्टर किसी मरीज के लिए इस दवा को पर्ची पर नहीं लिख देता, तब तक इसे नहीं खरीदा जा सकता है।