राजस्थान के कोटा में सिलेंडर में आग लगने से तीन मासूम बच्चियां सोते हुए आग की चपेट में आ गईं। तीनों बहनों का पचास फीसदी हिस्सा जल चुका है। मकान के अंदर खाना बनाते समय सिलेंडर में आग लग गई था। मकान मालिक ने धधकते सिलेंडर को किचन से बाहर निकाला, लेकिन बच्चियां 50% तक जल चुकी थीं। आग लगने की घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में तीन बहनों को इलाज के एमबीएस के बर्न वार्ड में भर्ती करवाया गया।
रहता है किराये पर परिवार
घटना सुबह साढ़े 8 बजे की है। व्यास चौक इलाके में संग्राम सिंह के मकान में नीचे के कमरे में किराए से रहते हैं। जो प्राइवेट गाड़ी चलाते है। उनकी 3 बेटियां है। सुबह वो काम पर जाने के लिए तैयार हो रहे थे। पत्नी कमरे में टिफिन बना रही थी। उसी कमरे में पलंग पर तीन बेटियां गनिस्का (12), कनिष्का (4) व खुशी (2) लेटी हुई थी।
संग्राम सिंह की पत्नी ने बताया कि खाना बनाते समय सिलेंडर खत्म हो गया था। पति ने दूसरा सिलेंडर लगाया था। गैस चालू करते ही रेगुलेटर ने आग पकड़ ली। रेगुलेटर लीक था। सिलेंडर के पास ही पर्दा लटका हुआ था। पर्दे में आग लग गई। जो फैलती हुई पलंग तक पहुंच गई। तीनों बेटियां झुलस गई।
चिल्लाने की आवाज सुनकर मकान मालिक गोपाल सिंह दौड़ते हुए आए। जलते हुए सिलेंडर को उठाकर चौक में पटका। फिर आग पर काबू पाया। इस जद्दोजहद में गोपाल सिंह भी चोटिल हुए। निगम की दमकल आने से पहले आग बुझ चुकी थी।
है गरीब मां का बुरा हाल
अस्पताल में भर्ती बेटियों को देखकर मां का बुरा हाल है। आग से बेटियों का चेहरा झुलस गया है। मां का कहना है कि वो बहुत गरीब हैं। इलाज के लिए पैसे नहीं है। कपड़े सिलकर बेटियों को पाल रही हूं। उसे बेटियों के इलाज की चिंता सता रही है। मां बच्चियों के इलाज के लिए सरकार और समाज से सहायता की उम्मीद कर रही है।