भागवताचार्य माधुरी शास्त्री को शॉल उड़ाकर सम्मानित किया* ब्यूरो संजीव शर्मा

 

न्यूज़ वाणी इटावा – चकरनगर रोड गड़ी वाले बाबा जरौली में चल रही भागवत कथा में सैकड़ो भक्तो ने भक्ति के सागर में गोते लगाये। कथा का आनंद लिया। कथा वाचिका माधुरी शास़्त्री ने श्री व्रन्दावन धाम मथुरा के मुखारविन्द से भागवत कथा श्रद्धालुओं को मेरा दिल आपका घर हुआ आया जाया कीजिए कान्हा कंस वध ,रुक्मणी विवाह ,सुदामा मिलन, आदि लीलाओं को सुनकर भक्त भावविभोर हो गए उद्धव को अपने ब्रह्म ज्ञान पर बहुत ही ज्यादा घमंड था कन्हैया जी ने उनका घमंड ठीक करने के उद्देश्य से उन्हें यशोदा मैया के पास भेजा उनकी बाल सखियों को समझाने के लिए उधव जी ने कहा कि कृष्ण जी परम ब्रह्म है उनके जाने का शोक ना करो उन्हें परम ब्रह्म ज्ञान में खोजने का प्रयास करो वह तुम्हें अपने अंदर ही मिलेंगे जिस पर गोपियों ने उद्धव से कहा यह जो गली में नालियां कन्हैया के महल तक बह रही हैं। वह कन्हैया के बिरहा में निकलते हुए हमारे आंसू हैं ।आप कह रहे हो कि हम अपने कान्हा को याद ना करें यह नहीं हो सकता उधव मन न भए दस बीस मेरा तो सिर्फ एक ही मन है। वह मन मेरे कन्हैया का घर है मेरे रोम रोम में कन्हैया बसे उद्धव जी 7 महीने तक मां यशोदा और गोपियों को समझा कर जब वापस कन्हैया के पास पहुंचते हैं। तब तब वह कन्हैया से कहते हैं ।कन्हैया तुम तो बड़े निर्दई हो गोपियां तुम्हारी बिरहा में तड़प तड़प कर अपने प्राण दे रही हैं तुम्हें तनिक भी उनका ख्याल नहीं हे कान्हा तुम कैसे इतने कठोर हो सकते हो तब श्री कृष्ण जी ने उद्धव जी को उन गोपियों सहित दर्शन दिए जिससे उद्धव जी को ज्ञान प्राप्त हुआ और उनका घमंड चूर-चूर हो गया।

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