प्रेम विवाह के 40 साल बाद लिए 7 फेरे,दामाद ने हल्दी- मेहंदी की रस्म और मंगलगीत के साथ 60 साल की उम्र में सास-ससुर की कराई शादी
राजस्थान के बांसवाड़ा में लव मैरिज करने के 40 साल बाद कपल ने फेरे लिए। एक दूसरे को वरमाला पहनाई। दंपती के घर में हल्दी-मेहंदी की रस्म हुई, महिलाओं ने मंगलगीत गाए। फिर पूरे रस्मो-रिवाज के साथ 60 साल के दूल्हा-दुल्हन की शादी कराई गई। सामाजिक विरोध के कारण दोनों की शादी पहले नहीं हो पाई थी, लेकिन उनकी इकलौती बेटी और दामाद की इच्छा थी कि बुजुर्ग दंपती विवाह के बंधन में बंध जाएं, इसलिए उम्र के इस आखिरी पड़ाव में अब दोनों समाज की मान्यताओं के अनुरूप एक दूजे के हो गए हैं।
करीब 40 साल पहले रूपगढ़ के वड़लीपाड़ा निवासी बाबू (60) को तलाईपाड़ा निवासी कांता (60) से प्यार हो गया था। दोनों एक-दूसरे को पसंद करते थे। तब प्रेम-विवाह समाज में इतना स्वीकार्य नहीं था। परिवार उनकी शादी के खिलाफ था। हालांकि फिर भी दोनों ने लव मैरिज कर ली और साथ रहने लगे। इस पर उन्हें परिवार और समाज का विरोध भी झेलना पड़ा था। इसी वजह से उस समय दोनों की सामाजिक रीति-रिवाज से शादी नहीं हो सकी थी।
शादी में 100 के करीब लोग जुटे
सामाजिक रूप से शादी न हो पाने की टीस भी बाबू और कांता के मन कहीं न कहीं रह गई थी। उनकी बेटी और दामाद को भी इसका आभास हो गया था। दोनों ने बुजुर्ग दंपती को शादी के बंधन में बांधने की ठानी। इस बीच, बुधवार को बाबू और कांता ने सामाजिक रीति-रिवाज के साथ फेरे लिए। शादी में करीब 100 लोगों ने लिया हिस्सा। विवाहिता के परिवार वालों को भी बुलाया गया। बाबू और कांता की एक ही संतान है सीमा। उसकी शादी राजू से हुई है। बुजुर्ग दंपती के लिए बेटी-दामाद ही सबकुछ हैं।