जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे जैन समाज के लोग* ब्यूरो संजीव शर्मा
जैन तीर्थ सम्मेद शिखर जी पहाड़ी की पवित्रता एवं अवैध अतिक्रमण न किए जाने के संबंध में दिया ज्ञापन*
न्यूज़ वाणी इटावा संविधान की धारा 29 के अन्तर्गत अल्पसंख्यक जैन समुदाय के सर्वोच्च तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर पहाड़ी की पवित्रता एवम् अवैध अतिक्रमण ना किए जाने के संबंध में।
दिगंबर जैन विकास समिति (रजि.) इटावा उत्तर प्रदेश एवम् समस्त अल्पसंख्यक इटावा जैन समाज आपसे निम्न निवेदन करता है कि झारखंड राज्य के गिरिडीह जिले के मधुबन में स्थित सम्मेद शिखर जी पहाड़ी पौरोणिक काल से ही जैन धर्म के अनुयायिओं का सबसे बड़ा तीर्थ क्षेत्र रहा है।जैन धर्म के कुल 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकरों की निर्वाण स्थली होने के कारण संपूर्ण जैन समाज के लिये श्री सम्मेद शिखर पहाड़ का कण-कण एक मंदिर परिसर के समान पूज्यनीय एवं वंदनीय है।
साल के बारहों महीनें में विश्व भर से लाखों जैन तीर्थयात्री बेहद श्रद्धाभाव के साथ व्रत धारण कर नंगे पैर और शुद्ध सूती वस्त्रों में शरीर को गला देने वाली ठंड या फिर झुलसा देने वाली गर्मी में झारखंड की सबसे उंची पहाड़ी की 27 किलोमीटर की इस बेहद कठिन चढ़ाई वाले पहाड़ पर वंदना करने जाते है।सभी जैन तीर्थयात्री पारसनाथ पहाड़ की पवित्रता अक्षुण्ण बनाए रखने को अपना सर्वोच्च कर्तव्य समझते है।स्थानीय आदिवासियों व नागरिकों ने भी इस पहाड़ की पवित्रता को बनाये रखना सदैव अपना कर्तव्य समझा है।
प्रधानमंत्री ,पिछले कुछ महीनों से श्रद्धा के इस अक्षुण्ण तीर्थ स्थल की पवित्रता और सुचिता को सैर सपाटे व पिकनिक के नाम पर नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। पिकनिक,ट्रेकिंग या फिर मात्र मनोरंजन के लिये आने वाले यात्री इस पवित्र पहाड़ पर मांसाहार व शराब का सेवन करते पाए गए हैं जो अहिंसा व शान्ति प्रेमी जैन समुदाय के लिये बेहद पीड़ाजनक है।
माननीय प्रधानमंत्री जी,जैन धर्म के इस शाश्वत तीर्थ क्षेत्र की एक निश्चित परिधि मधुबन सहित सम्पूर्ण पारसनाथ पहाड़ी पर मांसाहार व शराब का विक्रय के साथ-साथ सेवन के भी कड़े प्रतिबंध व दण्ड को लेकर राजाज्ञा जारी की जानी चाहिये।
एक वास्तविक अल्पसंख्यक समाज की मान्यताओं,धर्मिक विश्वासों,आस्था को संरक्षण प्रदान करना केन्द्र सरकार के कर्तव्य के साथ-साथ जिम्मेदारी भी है।श्री सम्मेद शिखर जी पहाड़ की पवित्रता को बनाये रखने के लिये जैन समाज का यह खुला पत्र उचित संरक्षण प्रदान करने हेतु झारखंड सरकार को अग्रसरित करने हेतु केन्द्र सरकार से अनुरोध करता है। अल्पसंख्यक जैन समाज इटावा केन्द्र सरकार से यह अनुरोध करता है कि धर्मनिरपेक्ष देश भारत के संविधान की धारा 29 के अन्तर्गत जैन समाज के सर्वोच्च तीर्थ स्थल की पवित्रता व सुचिता को बनाये रखने हेतु केन्द्र सरकार अपना संरक्षण प्रदान करते हुये उचित कदम उठाये और पहाड़ पर हो रहे अवैध अतिक्रमण को अति शीघ्र रोका जाए और अल्पसंख्यक जैन समाज की सुरक्षा एव विश्व भर से पहुंचने वाले अल्पसंख्यक जैन समुदाय के लोगों को सुरक्षा प्रदान की जाए।आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है माननीय प्रधानमंत्री जी इस पत्र का संज्ञान लेते हुए अति शीघ्र कानूनी कार्रवाई करते हुए अल्पसंख्यक जैन समाज को सुरक्षा एवं संरक्षण प्रदान कराने में अपना पूर्ण योगदान देंगे पूरे भारतवर्ष का ही नहीं विश्व भर का जैन समाज हमेशा आपका आभारी रहेगा। जिसमें मौके पर सुदर्शन जैन,धर्मेंद्र कुमार जैन,अजीत बाबू जैन,संजू जैन ठेकेदार,चक्रेश जैन,देवेंद्र जैन,टननू जैन, हिमांशु जैन,अनूप कुमार जैन,महेश कुमार जैन,ऋषभ जैन, अनुज जैन,अप्पू जैन,रविंद्र जैन,विजय कुमार जैन,सुबोध कुमार जैन,धर्मेंद्र कुमार जैन गद्दा वाले,शैंकी जैन,महावीर जैन,अभिषेक जैन, अंकित जैन आदि जैन समुदाय के लोग उपस्थित रहे।