जिला अधिवक्ता संघ के वर्तमान और पूर्व अध्यक्षों ने चुनावी चर्चाओं के बीच यही प्रतिक्रियाएं दी*–फहीम भारतीय
बांदा। कानून के पुरोधा वकीलों ने विधानसभा चुनाव में अच्छे और जमीनी नेताओं को टिकट और वोट की वकालत की है। उनका कहना है कि संकीर्ण सोच से ऊपर उठकर प्रत्याशिता और मतदान होना चाहिए। यह भी कहा कि सरकारें बदलने से प्रजातंत्र मजबूत होता है। जिला अधिवक्ता संघ के वर्तमान और पूर्व अध्यक्षों ने चुनावी चर्चाओं के बीच यही प्रतिक्रियाएं दी हैं।
लोगों में दूरी पैदा करने वालों को न टिकट मिले न वोट
जिला अधिवक्ता संघ के वर्तमान अध्यक्ष एजाज अहमद का कहना है कि विधायक के रूप में ऐसा व्यक्ति आना चाहिए, जो बिना भेदभाव और आम लोगों से जुड़ा रहकर क्षेत्र में सेवा और विकास करे। राममिलन पटेल ने कहा कि जनता से कुछ दूर रहने या आम लोगों के बीच दूरी पैदा करने वालों को हरगिज टिकट और वोट नहीं मिलना चाहिए।
मौजूदा सरकार से हर वर्ग नाराज
जिला अधिवक्ता संघ पूर्व अध्यक्ष अवधेश कुमार गुप्ता (खादीवाला) का कहना है कि मौजूदा चुनाव महंगाई, बेरोजगारी, किसान आदि मुद्दों पर होगा। राजेश दुबे ने कहा कि किसान बीज, खाद, डीजल, पेट्रोल हर चीज के लिए परेशान है। अपनी उपज भी नहीं बेच पा रहा। बेरोजगार युवा भटक रहे हैं। भ्रष्टाचार भी बढ़ा है। यह बातें चुनाव में जरूर मुद्दा बनेंगी।
परिवारवाद से ऊपर हो प्रत्याशी
जिला अधिवक्ता संघ पूर्व अध्यक्ष सुबीर सिंह का कहना है कि परिवारवाद से ऊपर उठकर ईमानदार और जनसेवी प्रवृत्ति के नेता को विधायक बनना चाहिए। अगर कोई ऐसा प्रत्याशी सामने आता है तो सभी को उसे वोट देना चाहिए। शीलेंद्र सिंह परिहार ने कहा कि अच्छे प्रत्याशी को करेंगे वोट की वकालत जो जनता के काम आए,
जिला अधिवक्ता संघ पूर्व अध्यक्ष शंकर सिंह गौतम का कहना है कि खराब छवि वाले नेता को किसी भी पार्टी को टिकट नहीं देना चाहिए। ऐसे प्रत्याशी को वोट भी देना ठीक नहीं। ईमानदार और जातिवाद की राजनीति से दूर रहकर जनसेवा वाले को ही वोट की वकालत की जाएगी।प्रचार का पैसा जनता में खर्च हो
जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष जागेश्वर यादव का कहना है कि हर पांच साल में सरकार बदलती है तो इससे प्रजातंत्र मजबूत होता है। मौजूदा में भी बदलाव की जरूरत है। वर्तमान सरकार से अधिकांश वर्ग और आम मतदाता दुखी है। विनोद सिंह ने कहा कि सरकारें जितना पैसा प्रचार में खपाती हैं वही जनता में खर्च किया जाए तो उन्हें इस प्रचार की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। खुशहाल बनने से लोग खुद प्रचार को आगे आएंगे।