पश्चिमी शहर हेरात में एक मिनी वैन में हुए बम विस्फोट में 7 लोग मौत हो गई। मरने वालों में 4 महिलाएं भी शामिल हैं। तालिबान कमांडर मावलवी अंसारी ने बताया कि हमले में 10 लोग घायल हुए हैं, अभी तक इस विस्फोट के पीछे का मकसद पता नहीं चल सका है। फिलहाल किसी भी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
सीक्रेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता सबित हार्वी ने कहा- शुरुआती जांच से पता चला है कि विस्फोटक को पैसेंजर गाड़ी के ऑयल टैंक के पर लगाया गया था। हेरात के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि 10 घायलों में तीन की हालत बहुत ज्यादा गंभीर है।
इलाके में विस्फोट किया गया है, वहां पर शिया हजारा समुदाय अच्छी खासी तादाद में रहता है। यह समुदाय अक्सर ISIS और इस्लामिक स्टेट इन खुरासान (ISIS-K) के आतंकियों के निशाने पर रहता है। इस वजह से अनुमान लगाया जा रहा है कि इस हमले के पीछे इन संगठनों का हाथ हो सकता है।
हेरात अफगानिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा शहर है, जो ईरान की बॉर्डर के पास स्थित है। इस शहर को अफगानिस्तान के दूसरे इलाकों के मुकाबले काफी शांत माना जाता है।
दाने दाने को अफगानी मोहताज हैं
अफगानिस्तान फिलहाल चौतरफा परेशानियों से घिर चुकी है। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) की एक रिपोर्ट के मुताबिक 1 करोड़ लोग भुखमरी का शिकार हैं। जून 2022 तक देश की पौने चार करोड़ की आबादी में से 90% गरीबी की रेखा से नीचे पहुंच जाएगी। अगस्त, 2021 के बाद से अब तक लगभग 8 लाख अफगान कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है।
दुनिया भर के देशों ने अफगानिस्तान को 20 साल से मिल रही विदेशी मदद रोक दी। इस वजह से देश का बजट डगमगा गया है। 2020 में जहां अफगानिस्तान का बजट लगभग 41 हजार करोड़ रुपए का था वो अब सिर्फ 3,800 करोड़ रुपए रह गया है। बजट में लगभग 91% की कमी दर्ज की गई है।