नवादा में सौतेली मां और पिता ने जब अपनी बेटी को घर से भगा दिया तो वैशाली के ग्रामीणों ने उसे आसरा देकर उसकी शादी करवा दी। इस शादी में उस गांव के साथ-साथ अन्य गांव के लोगों ने भी भाग लिया। यह अनोखी शादी वैशाली जिले के हाजीपुर प्रखंड के दिग्घी कला पूर्वी गांव में हुई है। अब इस शादी की चर्चा देश के अन्य राज्यों में भी हो रही है।
पीड़ित लड़की ने बताया कि नवादा में पिता और सौतेली मां ने उसे पीटकर भगा दिया था। इसके बाद वह घर से भाग गई और भटकती हुई वैशाली पहुंची। यहां करीब 20 दिनों तक उसे स्थानीय लोगों ने आसरा दिया। लोगों ने जब उसे घर पहुंचाने की बात कही तो वह घर जाने को तैयार नहीं हुई तो ग्रामीणों ने अच्छा लड़का देखकर उसकी शादी करा दी। युवती की सबसे अच्छी बात यह है कि वह मैट्रिक पास है। उसने बताया कि सौतेली मां हमेशा मारपीट करती थी लेकिन पिता विरोध भी नहीं करते थे।
गांव में महेंद्र दास के दरवाजे पर जाकर मांगा खाना
गांव में कुछ देर भटकने के बाद वह किसी ग्रामीण के दरवाजे पर जाकर खाना और पानी मांगते हुए रोने लगी। महेंद्र दास की पत्नी ने पूछताछ की तब उसने अपनी आपबीती सुनाई। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद उस ग्रामीण के परिवार ने भटकी हुई लड़की को अपने पास रख लिया और बेटी की तरह प्यार देने लगे।
लड़की पर कुछ असामाजिक तत्वों की नजर भी पड़ी
महेंद्र दास के यहां रह रही लड़की पर कुछ असामाजिक तत्वों की नजर भी पड़ गई। तब उसने दिग्घी पूर्वी पंचायत की मुखिया आशा देवी और उनके पुत्र रवि प्रकाश उर्फ टिंकू को मामले की जानकारी दी। मुखिया को जानकारी मिलते ही उसने लड़की को बुलाया। फिर ग्रामीणों की सहमति से उसकी शादी सबलपुर निवासी अलख राय से तय कर दी। कुछ दिनों बाद धूमधाम से उसकी शादी कर दी गई।