यूपी कानपुर में टाटमिल चौराहे पर एक इलेक्ट्रिक बस ने 17 वाहनों को रौंद दिया। हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई जबकि 9 की हालत नाजुक है। बस वाहनों को टक्कर मारते हुए चौराहे पर बने ट्रैफिक बूथ से टकराकर हुए डंपर में घुस गई। पुलिस ने सभी घायलों को हैलट अस्पताल में भर्ती कराया है। बताया जा रहा है कि बस ने 2 कार, 10 बाइक व स्कूटी, 2 ई-रिक्शा और 3 टेंपो में टक्कर मारी। भीड़ जुटती देख ड्राइवर बस से कूदकर भाग निकला।
बस की टक्कर से दोनों कारें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईं। कार में सवार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। कुछ राहगीर बस के टायर के नीचे भी आ गए। हादसे में लाटूश रोड पर रहने वाले 26 साल के शुभम सोनकर, 25 साल की ट्विंकल सोनकर, बेकनगंज में रहने वाले 24 साल के अर्सलान और नौबस्ता केशव नगर के अजीत कुमार की मौत हो गई।
राहगीरों ने की घायलों की मदद
दुर्घटना के बाद वहां भगदड़ मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे। तुरंत ही पुलिस ने सड़क पर बैरिकेड लगवा कर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। सड़क के बीच से क्षतिग्रस्त वाहनों को हटाया जा रहा था। पास ही लगे CCTV कैमरे भी बस की टक्कर के बाद क्षतिग्रस्त होकर टूट गए। हादसे के बाद वहां से गुजर रहे लोगों ने घायलों की मदद की।
उधर, घटना की खबर मिलते ही घायलों के रिश्तेदार अस्पताल में अपने परिचितों का हाल-चाल लेने के लिए पहुंच गए। इसके बाद वहां भारी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘कानपुर में हुई बस दुर्घटना में कई लोगों के हताहत होने की खबर से अत्यंत दुःख हुआ है। इस घटना में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति मेरी गहन शोक-संवेदनाएं। मैं घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं’
इस हादसे में धनकुट्टी के व्यापारी दिनेश शुक्ला, उनके बहनोई राजेश त्रिपाठी, दिनेश की पत्नी आरती अंजली मिश्रा, बहन नीलू त्रिपाठी समेत 9 लोग घायल हो गए। दिनेश कार में बैठे थे और राजेश उसे चला रहे थे। दिनेश समेत परिवार के सभी सदस्यों को कृष्णा अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रतापगढ़ के प्रताप पाल टेंपो से घंटाघर जा रहे थे। उन्हें घर जाने के लिए ट्रेन पकड़नी थी। इसी तरह सनिगवां के अमित कुमार और सौरभ एक बाइक से जा रहे थे। ई-बस ने बाइक में टक्कर मारी तो दोनों उछलकर दूर जा गिरे।
सौरभ की हालत गंभीर बताई जा रही है। झकरकटी निवासी जीतराम घंटाघर जा रहे थे। बस ने उन्हें भी चपेट में ले लिया। अमित अंडे का ठेला लगाता है। दुकान बंद करने के बाद घंटाघर खाना खाने जा रहा था। सुनील, शुभम और रमेश एक ही स्कूटी पर थे। ये तीनों शादी से लौट रहे थे।
हादसे के बाद तेज कर दी थी ड्राइवर ने बस की स्पीड
घटना के चश्मदीद दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि टाटमिल से गुजरे तो सब कुछ सामान्य था। सभी वाहन अपनी लेन में चल रहे थे। थोड़ा आगे गुजरते ही ई-बस उसी लेन में आती दिखी जिस लेन में लोग घंटाघर की ओर जा रहे थे। बस बहुत ज्यादा स्पीड में थी। चालक को जैसे किसी की परवाह नहीं थी। हादसा हो जाने के बाद उसने स्पीड और तेज कर दी। बस रौंदते हुए दौड़ रही थी। कुछ लोग हल्ला मचाकर बस के पीछे दौड़ रहे थे। हर तरफ चीख-पुकार मची थी।