दिल के इलाज में हुआ पहली बार ऐसा प्रयोग,सरकारी डॉक्टरों ने जीरो एक्सेंट्रिक डिवाइस से दिल का क्रिटिकल छेद किया बंद

 

छत्तीसगढ़ में दिल के मर्ज के इलाज में अब सरकारी अस्पताल के डॉक्टराें ने एक बिल्कुल नई तकनीक जीरो एक्सेंट्रिक बटन डिवाइस का प्रयोग किया है। इसके जरिए एक मरीज के दिल के छेद काे बंद करने में सफलता मिली है। इस छेद को बंद करने में जोखिम बड़ा था।

रायपुर के डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (ACI) में एक 15 वर्षीय लड़की के इलाज में इस डिवाइस का इस्तेमाल किया। बताया गया मरीज के दिल में छेद था जिसे मेडिकल भाषा में वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (VSD) कहते हैं। मरीज के दिल के वाल्व की निकटता के कारण छेद इस प्रकार था कि इसको सामान्य बटन डिवाइस से बंद करना जोखिम भरा था।

सामान्य बटन डिवाइस से दिल के छेद को बंद करने से वाल्व से लीकेज होने की संभावना थी। ऐसे में एक नये ढंग से डिजाइन की गई VSD बटन डिवाइस ’जीरो रिम एक्सेंट्रिक’ का प्रयोग करने का फैसला हुआ। इस डिवाइस का किनारा जीरो साइज का होता है इसलिए इसका प्रयोग ज्यादा प्रभावी था। ACI में हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव की टीम ने एक ऑपरेशन कर इस डिवाइस से दिल के छेद को बंद कर दिया। बताया जा रहा है देश में इससे पहले केवल चार डॉक्टर ही इस डिवाइस का उपयाेग कर पाए हैं।

डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने बताया वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट यानी VSD दिल के निचले कक्षों यानी निलय के बीच असामान्य संपर्क की वजह से होने वाला एक आम हृदय दोष है। यह जन्मजात होता है। इसमें दिल के निचले कक्षों बाएं और दाएं वेंट्रिकल के बीच दीवार में छेद हो जाता है। ज्यादातर मामलों में छेद अपने आप बंद हो जाते हैं लेकिन कई बार छेद बंद करने के लिए ऑपरेशन या कैथेटर पर आधारित एक प्रक्रिया की जरूरत पड़ सकती है।

जीरो रिम एक्सेंट्रिक डिवाइस विशेष रूप से डिजाइन किया गया उपकरण है जिसका उपयोग VSD के इलाज के लिए किया जाता है। विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया यह डिवाइस दिल के एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट को बंद कर सकता है। इसकी सफलता के परिणाम को देखने के लिए इस उपकरण पर विभिन्न अध्ययन किए गए हैं। इस उपकरण की उपलब्धि दर अब तक 98.91% प्रतिशत बताई जा रही है।

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