ग्वालियर में एक बहू नवजात को लेकर 12वीं की परीक्षा देने जाती है। एग्जाम हॉल में प्रियंका एक मां और छात्रा बन दोहरी परीक्षा दे रही है। उसे बेटे को गोद में लेकर पेपर लिखते देखकर लोग भी उसके जुनून की सराहना किए बिना नहीं रह पाते हैं।
पढ़ाई को लेकर अपने जुनून के लिए चर्चित प्रियंका ग्वालियर के आंतरी के बघेल परिवार की बहू है। प्रियंका की शादी करीब सालभर पहले पहले हुई है। शादी के बाद रिश्तेदारों, आसपास के लोगों का कहना था कि बहू है, अब घर गृहस्थी संभाले, पढ़ाई-लिखाई करके क्या करेगी लेकिन प्रियंका को यह मंजूर नहीं था। प्रियंका के इस जुनून को उनके पति और ससुराल वालों का भी साथ मिला।
देती हैं बेटे को गोद में लेकर परीक्षा
MP बोर्ड के एग्जाम से ठीक 20 दिन पहले बेटे को जन्म दिया। अब वह बेटे को गोद में लेकर एग्जाम देने जाती हैं। बीच-बीच में बच्चे को फीड कराने के लिए उन्हें बाहर जाने की इजाजत रहती है।
घर से 35 किमी दूर है सेंटर
20 वर्षीय प्रियंका बघेल एग्रीकल्चर विषय से एग्जाम दे रही हैं। प्रियंका का सेंटर ग्वालियर शहर में पदमा स्कूल में है। घर से करीब 35 किलोमीटर दूर उनको एग्जाम देने आना पड़ता है। बेटे को गोद में लेकर ही वह परीक्षा देती है। कोई परेशानी न हो इसलिए प्रियंका के पति खेरसिंह बघेल को भी परीक्षा सेंटर परिसर में आने जाने की अनुमति रहती है।
अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है प्रियंका
प्रियंका का मायका इंदरगढ़ में है। दिसंबर 2020 में उसकी शादी आंतरी डबरा निवासी खेर सिंह बघेल से हुई थी। शादी के समय उन्होंने 10वीं पास की थी लेकिन जब वह बहू बनकर आई तो रिश्तेदारों और आसपास के लोगों का कहना था कि ठीक है हो गई पढ़ाई। अब वह बहू है और घर गृहस्थी संभाले। प्रियंका पढ़ना चाहती थी। वह नर्सिंग कोर्स कर पैरों पर खड़ा होना चाहती है।
ससुराल बोले- बहू पढ़ना चाहती है इसमें हर्ज क्या है
प्रियंका की भावनाओं को समझकर उसके पति खेरसिंह ने उसका साथ दिया। उसे आगे पढ़ाने के लिए परिवार में बात रखी। प्रियंका के जेठ-जेठानी और सास-ससुर को भी लगा कि बहू पढ़ना चाहती है तो इसमें हर्ज क्या है। प्रियंका ने बताया कि पति और ससुरालवालों का उन्हें आगे बढ़ाने में बहुत योगदान है। खेरसिंह का कहना है कि प्रियंका में पढ़ने की चाह है इसलिए मैंने उनका साथ दिया।