दो राज्यमंत्री व तीन विधायकों के भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद – 2017 वाली स्थिति बचाने को भगवा दल की प्रतिष्ठा लगी दांव पर – क्लीन स्वीप जिले में वापसी के लिए भाजपा कर रही जद्दोजहद
फ़तेहपुर। विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में जनपद में हुए मतदान की समाप्ति के बाद जिले के दो राज्यमंत्री व सत्ताधारी दलों के चार विधायकों के भाग्य का फैसला ईवीएम मशीन में बंद हो गया। मतदान सम्पन्न होने के बाद प्रदेश की सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी के सामने भगवा दुर्ग को बचाना चुनौती बना हुआ है।
2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन ने जनपद की सभी छह सींटो पर कब्ज़ा कर इतिहास रचा था। जिसमे बिंदकी विधानसभा के करण सिंह पटेल, अयाह-शाह से विकास गुप्ता, खागा से कृष्णा पासवान, सदर से विक्रम सिंह, हुसैनगज से रणवेंद्र प्रताप धुन्नी जबकि जहानाबाद से एनडीए गठबंधन अपना दल के जय कुमार सिंह जैकी ने जीत दर्ज की थी। जनपद के दो विधायक भाजपा से रणवेंद्र प्रताप धुन्नी व अपना दल के कोटे से जय कुमार सिंह जैकी योगी मंत्रिमंडल में शामिल कर राज्यमंत्री बनाये गए थे। 2017 में सूबे में हुए सत्ता परिवर्तन का असर भी देखने को मिला। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने लोकसभा का चुनाव दोबारा भारी बहुमत से जीतने के बाद केंद्र में एक बार फिर से मंत्री बनी थी। वही जनपद की जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भी भाजपा ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की थी। इसके अलावा 2021 के पंचायत चुनाव में ही सत्ताधारी दल ने जिले के सभी ब्लाक में भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख आसीन हुए थे। हालांकि 2017 के विधानसभा चुनाव के कुछ अंतराल के बाद हुए निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी व बसपा के निकाय अध्यक्ष ज़रूर बने थे। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सदर सीट से विधायक विक्रम सिंह, अयाह शाह से विधायक विकास गुप्ता, खागा सुरक्षित सीट से विधायक कृष्णा पासवान व बिंदकी विधायक कारण सिंह पटेल का टिकट काटकर पूर्व राज्यमंत्री राजेन्द्र पटेल को चुनाव मैदान में उतारा था। वहीं गठबंधन के सहयोगी पार्टी अपना दल ने जहानाबाद विधानसभा से विधायक व प्रदेश के कारागार राज्यमंत्री जय कुमार सिंह जैकी को दूसरी बार उम्मीदवार बनाया गया है। प्रदेश में सत्ताधारी दलों के प्रत्याशियो के सामने मुख्य विपक्षी दल सपा, बसपा व कांग्रेस कड़ी टक्कर देने में लगे हुए है। भाजपा गठबंधन के प्रत्याशियों को जिताने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव मौर्य, दिनेश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह समेत बड़े नेता लगातार प्रचार कर रहे हैं। वही सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष आबू आसिम अज़मी, बसपा से राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती, सतीश चंद्र मिश्रा, मुनकाद अली, कांग्रेस पार्टी से राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, प्रमोद तिवारी, इमरान प्रतापगढ़ी समेत सभी पार्टियों के दिग्गज नेता लगातार चुनाव प्रचार कर अपने अपने प्रत्याशियों के लिए जनसमर्थन मांग रहे हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव से पूर्व भगवा दुर्ग में तब्दील हो रहे जनपद को अभेद किला बनाए जाने में भाजपा प्रत्याशी कितना कारगर साबित होंगे यह तो 10 मार्च को ईवीएम खुलने के बाद ही पता चलेगा लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 में सपा-बसपा के सामने करो या मरो की स्थिति है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के सामने अपना गढ़ बचाना बड़ी चुनौती है।