शहर से लेकर गांव तक गहराया पेयजल संकट – नगर पालिका की अधिकतर लाइनें जर्जर, ग्रामीणांचलों में भी मारामारी – ध्वस्त पड़े सरकारी हैंडपंप, पेयजल योजना का नहीं मिल रहा लाभ
फतेहपुर। सर्दी जाने के बाद अब गर्मी का असर दिखने का लगा है। पानी की किल्लत में आने वाले दिनों में इजाफा होना तय है। कारण भूजल स्तर में गिरावट के चलते संसाधनों की हालत पतली हो रही है वहीं दूसरी ओर इस संकट से निपटने के लिए बरते जाने वाले एहतियात कहीं दिखाई नहीं दे रहे है। चाहे मसला हैंडपंपों की मरम्मत या रिबोर का हो अथवा नए हैंडपंप लगाने का। सामूहिक पेयजल योजना व नलकूपों के माध्यम से पानी मुहैय्या कराने की व्यवस्था भी प्रभावित है। स्थिति यह है कि गांव से लेकर शहर तक पानी एक गंभीर समस्या बना हुआ है।
गर्मी आते की पेयजल समस्या मुंह पसारने लगती है। जिसके आसार देखने को मिल रहे हैं। जिसका सबसे व्यापक असर ग्रामीण क्षेत्रों में दिख रहा है। खजुहा प्रतिनिधि के मुताबिक विकास खंड क्षेत्र के मौहारी, खूंटाझाल, मऊदेव, बसंतखेड़ा, जाफरगंज, मांझेपुरवा सहित कटरी के तमाम गांवों में पीने के पानी की समस्या व्यापक रूप ले रही है। जलापूर्ति के लिए लगे इंडिया मार्का हैंडपंप जवाब दे रहे है। भूजल स्तर में लगातार आ रही गिरावट के चलते सैकड़ों हैंडपंप बिगड़ चुके हैं। जो चल रहे हैं उनमें समुचित पानी नहीं आ रहा है। यदि समुचित उपाय न किए गए तो आने वाले दिनों में स्थिति और भी खराब हो सकती है। इसी प्रकार असोथर विकास खंड के अंर्तगत, कोंडार, दसौली, उरौली, दतौली, गढ़ी, सिंधाव, कोर्राकनक, घनघौल जैसे तमाम गांवों में पेयजल समस्या पैदा हो गई है। असोथर के अलावा, विकास खंड बहुआ, धाता व ऐराया आदि में भी दर्जनों गांव पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं। शहर क्षेत्र की बात की जाए तो यहां के हालात भी अच्छे नहीं है। कई ऐसे मोहल्ले हैं जहां लोगों को समुचित पानी नहीं मुहैय्या हो रहा है। समस्या से जूझ रहे लोगों में नगर पालिका प्रशासन के खिलाफ आक्रोश है। शहर में जलापूर्ति करीब के लिए नगर पालिका के पास लगभग 47 नलकूप हैं। ओवर हेड टैंकों की संख्या नौ है। इसके अलावा दर्जन भर नलकूप व ओवरहेड टैंक जलनिगम ने नए स्थापित किए हैं। बावजूद इसके रस्तोगीगंज, मुराइनटोला पावर हाउस के आसपास का हिस्सा, अरबपुर, हरिजन बस्ती, गढ़ीवा, कांशीराम कालोनी, गड़रियन पुरवा, अस्ती, इमामगंज सहित तमाम ऐसे मोहल्ले हैं जहां पानी की समस्या है। नगर पालिका में शामिल ऐसी बस्तियों के लोग पानी के लिए इंडिया मार्का हैंडपंप पर ही निर्भर है, जगह-जगह लीकेज की समस्या है। क्षतिग्रस्त पाइप लाइनों की वजह से लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। शहर के मसवानी, अहमदगंज, राधानगर, तुराबअली का पुरवा, मुराइन टोला आदि मुहल्ले ऐसे हैं जहां पर लोग पानी के लिए आए दिन जूझते रहते हैं।
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अवैध कनेक्शनों के जरिए हो रही पानी की चोरी
फतेहपुर। पानी की चेारी रोकने के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। अवैध कनेक्शनों के माध्यम तो हजारों लीटर पानी की चोरी प्रतिदिन हो रही है। इसके अलावा भारी तादात में व्यावसायिक उपयोग भी किया जा रहा है। जानकारों के मुताबिक पानी के वैध कनेक्शनों की संख्या करीब 50 हजार से अधिक है। ऐसे में चालीस फीसदी से अधिक मकानों में चोरी से पानी पहुंच रहा है। इससे भी खराब स्थिति पानी के व्यावासायिक दोहन की है। अवैध कनेक्शनों के माध्यम से तमाम वर्कशाप, होटल व अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में हर रोज हजारों लीटर पानी चोरी हो रहा है। पानी की चोरी को रोकने के लिए विगत वर्षों नगर पालिका ने कनेक्शनों के सत्यापन का अभियान भी चलाया था। जिसका कोई खास असर नहीं दिखा है। हालात यह है कि एक ओर जहां तमाम लोगों को जरूरतभर का पानी नहीं मिल रहा वहीं इसी शहर में तमाम लोग पानी की बर्बादी कर रहे हैं।