क्षय रोग अब लाइलाज, बीमारी नहीं: डॉ अभय – आयोजन सीफार के सहयोग से आयोजित हुई मीडिया कार्यशाला
डीटीओ ने टीबी को लेकर मिल रही सेवाओं पर दी प्रस्तुति
फतेहपुर। क्षय रोग एक गंभीर समस्या है लेकिन अब यह लाइलाज बीमारी नहीं है। समय से उपचार हो जाने पर यह बीमारी पूरी तरह से ठीक हो सकती है। यह कहना है जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ अभय पटेल का। डॉ पटेल मंगलवार को क्षय रोग पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित मीडिया कार्यशाला में उन्होंने बताया कि फतेहपुर जनपद की आबादी 31 लाख 8 हजार 308 है। इसमें शहरी आबादी 12.23 प्रतिशत है जबकि ग्रामीण 87.77 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि पूरे जनपद में 17 टीबी यूनिट स्थापित हैं और 28 डेसिग्नेटेड माइक्रोस्कोपी सेंटर (डीएमसी) है। वहीं बलगम परीक्षण के लिए दो सीबी नाट मशीन लगी हुई हैं। इसमें एक मशीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिंदकी में लगी है और दूसरी टीबी हास्पिटल में है।
टीबी हास्पिटल के चिकित्साधिकारी डॉ अशोक गुप्ता ने बताया कि जनपद में ट्रूनाट की सात मशीनें लगी हुई हैं और छह केंद्रों पर एक्स-रे की सुविधा है। उन्होंने बताया कि 64 पेरीपेरी हेल्थ इंस्टीट्यूट (पीएचआई) केंद्र है। एक सैंपल कलेक्शन सेंटर जिला कारागार में है। 13 एसटीएस ब्लाक लेवल पर कार्य रहे हैं। पांच सीनियर ट्यूबरक्लोसिस लैब सुपरवाइजर (एसटीएलएस) जो लैब को सुपरविजन कर रहे हैं। पांच टीबीएचवी शहर में कार्य कर रहे हैं। जिला अस्पताल में एक एंट्रीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) केंद्र और एक ड्रग रेजिस्टेंस क्षय रोग (डीआरटीबी) केंद्र है। मीडिया कार्यशाला में जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रशांत कुमार ने बताया कि नोडल डीआरटीबी सेंटर कानपुर मुरारीलाल हॉस्पिटल और फस्र्ट लाइन सेकंड लाइन कल्चर के लिये एसजीपीजीआई लखनऊ भेजा जाता है। पूरे जनपद में 2021 में 6300 मरीज का लक्ष्य था। इसमें 5137 मरीज चिन्हित किए गए हैं।
लक्ष्य के मुकाबले यह 81.54 प्रतिशत है। ट्रीटमेंट सक्सेस रेट 87 प्रतिशत है और निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत 4864 मरीजों के खाते में डीबीटी के माध्यम से धनराशि भेजा गया है जो कि 82.43 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों की एचआईवी जांच अनिवार्य है जो कि 96 प्रतिशत है। दस मरीजों में एड्स एचआईवी और क्षय रोग का संक्रमण मिला है। उन्होंने बताया कि जो टीबी के मरीज हैं उनकी एचआईवी और डायबिटीज दोनों जांच होती है। टीबी के मरीजों में 89 प्रतिशत डायबिटीज से भी ग्रस्त पाए गए हैं। टीबी अस्पताल के एसटीएस अजीत सिंह ने बताया कि टीवी के मरीजों को अगर 2 सप्ताह से अधिक खांसी आए तो बलगम की जांच नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में कराना आवश्यक है इसके साथ ही 2 सप्ताह से अधिक बुखार आना बलगम के साथ खून आना वजन कम होना भूख ना लगना ऐसे मरीजों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करना चाहिए और तुरंत इलाज शुरू करवाना चाहिए और इलाज के दौरान कभी भी दवा नहीं छोड़नी चाहिये। कार्यशाला के दौरान सीफार की राज्य प्रतिनिधि ईशा ने संस्था की गतिविधियों और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। आखिर में सीफार की मण्डल समन्वयक प्रीति सैनी ने धन्यवाद ज्ञापित। इस मौके पर सीफार जिला प्रतिनिधि मनभावन अवस्थी, टीबी हास्पिटल से पुनीत जी विक्रम टीवी अस्पताल गोरेलाल टीवी एच मुकुल टीवी एचडी फैज एचटी वीएस वी सुरेंद्र सिंह बीसीजी टीम लीडर कार्यशाला में मौजूद रहे।