कल के लिए आज की एक-एक बूंद बचाएं: डा. अनुराग – यूथ आइकान ने उच्च प्राथमिक विद्यालय सलेमपुर में चलाया जल संरक्षण जागरूकता अभियान

373 बच्चों को बांटी चिकनपाक्स से बचाव की होम्योपैथिक दवा

फतेहपुर। जल की एक-एक बूंद बेहद कीमती है। कल के लिए आज की एक-एक बूंद बचाना सभी का कर्तव्य है। यदि धरती पर जल नहीं बचा तो जीवन असंभव हो जाएगा। यह बात मंगलवार को वाटर हीरो की उपाधि से सम्मानित यूथ आइकान डा. अनुराग श्रीवास्तव ने हथगाम ब्लाक के उच्च प्राथमिक विद्यालय सलेमपुर में जल संरक्षण जागरूकता अभियान चलाते हुए कही। उन्होने लगभग 373 बच्चों को चिकनपाक्स से बचाव के लिए होम्योपैथिक दवा का वितरण भी किया।

डा. अनुराग ने सभी को जल संरक्षण जागरूकता निवेदन पत्रक दिया। उन्होने बताया कि पूरे विष्व में पीने का पानी सिर्फ एक प्रतिशत है। जिसका एक चैथाई ही हमारे पास है। जिसे हम सबको सहेजना है। जिससे आने वाली पीढ़ी जल की कमी से न जूझे। हममें से बहुत से लोग पीने के पानी को सडकों को सींचने, नालियों को धुलने इत्यादि में लाखों लीटर प्रतिदिन बर्बाद कर देते हैं। हम सबको मिलकर उन सभी भाई-बहनों को समझाना होगा। साथ ही वर्षा के जल का भी संचयन करना होगा। तब कहीं जाकर हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए जल बचा पाएंगे। कई छोटे प्रयास जैसे आरओ जब एक भाग पानी फ़िल्टर करता है तो 10 भाग पानी व्यर्थ सिंक से बहकर चला जाता है। उस पानी को पाइप द्वारा एकत्र कर हम कई कार्यों में ले सकते हैं। इस हेतु हम सभी को आरओ वाटर संचालकों को समझाना बहुत आवश्यक होगा क्योंकि ये लोग जितना पानी भूगर्भ से निकालते हैं फ़िल्टर करते हैं फिर वेस्ट पानी को वापस रिचार्ज करने के लिए भूगर्भ में नहीं वापस भेजते बल्कि नालियों के माध्यम से लाखों लीटर पानी बहाते हैं जबकि यह कानूनन भी जुर्म है। साथ ही गाड़ी धुलाई संचालक भी यही गलती करते हैं। कई बार मोटर से पानी भरते समय हम यह जान नही पाते कि टंकी भर गई है और पानी काफी समय तक व्यर्थ बहता रहता है इसके लिए वाटर बेल लगवाएं जो बाजार में 150 रुपए तक में मिल जाती है। पानी भरने पर बेल आवाज करने लगेगी जिससे व्यर्थ पानी नहीं बहेगा। विद्यालय के बच्चों द्वारा जल संरक्षण को प्रदर्शित उपायों से सम्बंधित पोस्टर बनाए गए। साथ ही डॉ अनुराग ने उच्च प्राथमिक विद्यालय के 120 बच्चों व प्राथमिक विद्यालय इमादपुर के 61, प्राथमिक विद्यालय रज्जीपुर के 52, प्राथमिक विद्यालय सलेमपुर के 140 कुल 373 बच्चों को चिकनपॉक्स से बचाव हेतु होम्योपैथिक औषधि भी दी। इस अवसर पर प्रधानाचार्या सरिता शर्मा, माया देवी, शिवशंकर, योगेंद्र प्रसाद गौतम, अध्यापक गोविंद पटेल भी उपस्थित रहे।

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