लोडर में पशुओं की तरह लाए गए बच्चें

फतेहपुर। आज़ादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में भाग लेने के लिए परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को कलेक्ट्रेट बुलाया गया था। डीएम अपूर्वा दुबे की अध्यक्षता में विकास भवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए विद्यालयों के बच्चो को ब्लाकों से कलेक्ट्रेट लाया गया था। जिन्हें बस, टैम्पो या सवारी वाहन के साधन की जगह लापरवाही दिखाते हुए समान ढोने वाले लोडरो में भरकर लाया गया था। डीएम के हाथों सम्मानित होंने के बाद हथगाम ब्लाक स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय कुंभीपुर समेत अन्य जगह की छात्र-छात्राओं को वापस भेजने के लिए एक बार फिर से माल ढोने वाले लोडरो में ठूस-ठूस कर भरा गया। ठसाठस भरे लोडर में छात्र छात्राओं के लिए बैठने की जगह तो दूर की बात है ठीक से खड़े होना भी मुश्किल था। ऐसे में मासूम बच्चों को लगभग सत्तर किलोमीटर की यात्रा खड़े होकर तय कराया जाना शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही दर्शाता है। शिक्षकों की इस संवेदनहीनता पर कलक्ट्रेट में खड़े लोडर में चढ़ते हुए बच्चों पर जिसकी भी नज़र पड़ी शिक्षा विभाग की संवेदनहीनता पर लोगों की नाराजगी देखने को मिली।

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