गाजियाबाद के विजयनगर क्षेत्र के प्रताप विहार में नाला निर्माण के लिए की गई खोदाई के चलते स्कूल की दीवार गिर गई। हादसे में नाला निर्माण का काम कर रहे पांच मजदूर दब गए। देर रात करीब दो बजे हुए इस हादसे की सूचना पर पहुंची पुलिस और दमकल कर्मियों ने पांचों मजदूरों को मलबे से बाहर निकाला। इनमें से तीन मजदूर अतहर (23), मुनकेश (18) निवासी कुरसैल, अररिया और तौफीक आलम (21) निवासी बगदहरा, अररिया बिहार की मौके पर ही मौत हो गई। अन्य दो घायलों साबिर और मेराजुद्दीन को संतोष अस्पताल में भर्ती कराया गया। नगर निगम और ठेकेदार की लापरवाही से हुई तीन मजदूरों की मौत के बाद पहुंचे साथी मजदूरों और रिश्तेदारों ने हंगामा किया। मुआवजे की मांग पूरी न होने पर उन्होंने दोपहर तक शवों का पोस्टमार्टम नहीं होने दिया। मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने और शवों को बिहार तक भिजवाने का आश्वासन मिलने पर उनका आक्रोश शांत हुआ और पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
नगर निगम की ओर से नाले की खुदाई रात दो बजे कराई जा रही थी। प्रताप विहार स्थित न्यू रेनबो पब्लिक स्कूल की चहारदीवारी के बिल्कुल सटाकर खोदाई कराई गई तो दीवार की नींव में नाले का पानी पहुंच गया और दीवार दरक गई। रात के अंधेरे में मजदूरों को दीवार दरकने का पता नहीं चला
और करीब 70 फुट लंबी व 10 फुट ऊंची दीवार उनके ऊपर भरभराकर गिर गई।
रात की बजाय यह निर्माण दिन के उजाले में कराया जाता तो दीवार के दरकने का पता चल जाता और मजदूर भागकर अपनी जान बचा सकते थे। रात के वक्त हो रहे इस निर्माण कार्य को देखने न तो कंस्ट्रक्शन फर्म मैसर्स नार्थ इंडिया डेवलपर्स के संचालक पहुंचे और न ही नगर निगम के इंजीनियर।
मृतक मजदूरों के साथी कर्मियों ने बताया कि जब आरसीसी का नाला बनाने के लिए पांच फुट गहरी खोदाई की जा रही थी, तब उसमें पानी भी था। होली से पहले किए जा रहे इस काम के लिए पहले नाले में बंद लगाकर पानी का डायवर्जन कर दिया गया था, लेकिन होली पर पानी ज्यादा आने की वजह से बंधा टूट गया।
नाले में पानी होने के बावजूद खोदाई कराई गई और उसी में सरिया बांधना शुरू कर दिया गया। नाले में पानी न होता तो स्कूल की नींव में पानी न पहुंचता और न ही यह हादसा होता। उन्होंने बताया कि दीवार के बिल्कुल सटाकर खोदाई कराई गई, लेकिन सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए।
नगर निगम अधिकारियों ने स्कूल प्रबंधन पर फोड़ा ठीकरा
नगर निगम के अधिकारी नाला निर्माण में हुई लापरवाही से ज्यादा स्कूल प्रबंधन पर हादसे का ठीकरा फोड़ रहे हैं। निगम अधिकारियों का कहना है कि जिस स्कूल के सामने नाला निर्माण के लिए खोदाई की जा रही थी, उसकी बाउंड्रीवॉल में एक भी पिलर नहीं था। सिर्फ ईंटों की दीवार बनाकर प्लास्टर किया गया था। इसकी वजह से दीवार गिरी तो फिर करीब 70 फुट तक गिरती चली गई।
खोदाई कराने से पहले नहीं जांची गई दीवार की मजबूती
नगर निगम के अधिकारी स्कूल की दीवार कमजोर होने पर हादसे का ठीकरा तो फोड़ रहे हैं, लेकिन उन्होंने खोदाई कराने से पहले इसकी मजबूती नहीं जांची। निगम के अवर अभियंता से लेकर अधिशासी अभियंता की जिम्मेदारी साइट मॉनीटरिंग की होती है। निगम के इंजीनियरों ने दीवार की कमजोरी को पहले जांच लिया होता तो तीन मजदूरों की जान न जाती।
मौत खींचकर ले गई मुनकेश को, नाइट ड्यूटी पर नहीं जाना चाहता था
परिवार में इकलौता कमाने वाला 18 साल के मुनकेश को मौत खींचकर ले गई। मुनकेश के मामा मोहम्मद सनवर ने बताया कि वह करीब 40 दिन पहले ही बिहार से यहां काम पर आया था। पिता बीमार रहते हैं और इकलौता कमाने वाला मुनकेश ही था। उन्होंने बताया कि मंगलवार की रात जब ठेकेदार ने रात को काम पर बुलाया तो मुनकेश ने अपनी मामी नजहत को फोन करके बताया था।