कानपूर में हैरान करने वाली बात यह है कि इंटर कॉलेज के अध्यापक ने फांसी लगाई सुसाइड करने का क्या कारण है

कानपूर के इंटर कॉलेज के सहायक अध्यापक ने पैतृक गांव हैदरमऊ में घर के पीछे पेड़ पर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। बैग में मिले दो पत्रों में स्कूल के तीन अध्यापकों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

प्रधानाध्यापक 31 मार्च को सेवानिवृत्त होने वाले थे। टीकर गांव के मजरा हैदरमऊ निवासी दिलीप सिंह सेंगर (60) खालसा इंटर कॉलेज चारबाग लखनऊ में अध्यापक थे। वह परिवार के साथ करीब 15 साल से लखनऊ में ही रह रहे थे। सोमवार शाम करीब सात बजे वह गांव पहुंचे।

परिवार के लोगों से मिलने के बाद चाय पी और सो गए। सुबह दिलीप का शव घर के पीछे पेड़ पर फंदे से लटका मिला। छोटे भाई जयप्रकाश की सूचना पर पुलिस ने शव फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। दिलीप के बैग में दो पत्र मिले हैं।
दो जनवरी को प्रबंधक को लिखे गए एक पत्र में तीन सहायक अध्यापकों पर जूठी पत्तल फेंकने का आरोप लगाया गया है। दूसरा पत्र शासन और प्रशासन का संबोधित है। पत्र में तीनों सहायक अध्यापकों के नाम भी लिखे हैं।

उन पर प्रताड़ित करने का आरोप है। प्रताड़ना के कारण खुदकुशी करने की बात भी पत्र में लिखी गई है। पत्र में यह भी लिखा है कि 16 दिसंबर 2004 को स्कूल में चयन हुआ था लेकिन प्रबंध समिति के विवाद के कारण ज्वाइनिंग दो साल बाद मिली।
उनके पहले जिनकी नियुक्त हुई थी वह जूनियर बताकर प्रताड़ित करते थे। थानाध्यक्ष डीडी सिंह ने बताया कि पत्रों में कुछ स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। परिजनों की तहरीर के आधार पर जांच की जाएगी। कानपूर इंटर कॉलेज के अध्यापक ने फांसी लगाई सुसाइड नोट में लिखी हैरान करने वाली बात

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