सरकार 3000 पदों पर शारीरिक और कला शिक्षा सहायकों की कच्ची भर्ती करने जा रही है। स्कूल शिक्षा विभाग ने कौशल रोजगार निगम को चयन प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी दे दी है। 2000 पद शारीरिक शिक्षा व 1000 पद कला शिक्षा सहायकों के भरे जाएंगे। इन भर्तियों में सरकार सुप्रीम कोर्ट व पंजाब हाईकोर्ट के फैसलों के बाद नौकरी गंवा चुके पीटीआई और ड्राइंग शिक्षकों को भी तवज्जो देगी।
मौलिक शिक्षा निदेशक अंशज सिंह ने कौशल रोजगार निगम के सीईओ डॉ. अनंत प्रकाश पाण्डेय को पद भरने के लिए पत्र भेज दिया है। पत्र के साथ सरकारी स्कूलों में खाली शारीरिक शिक्षा और कला शिक्षा सहायकों के पदों की सूची भी सौंपी गई है। इन शिक्षकों को एक वर्ष के लिए अनुबंध आधार पर रखा जाएगा।
अनुबंध पूरा होने पर इनके काम की समीक्षा की जाएगी। स्कूलों में अगर इनकी जरूरत होगी तो अनुबंध को एक वर्ष के लिए विभाग की अनुमति के बाद बढ़ाया जाएगा। रोजगार निगम विभाग की मंजूरी मिलने के बाद अब भर्ती के नियम व शर्तें तैयार करेगा, उसके बाद इच्छुक अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे जाएंगे।
पंजाब के कर्मचारी संगठन नौकरी गंवा चुके शिक्षकों को समायोजित करने की लंबे समय से मांग करते आ रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सर्व कर्मचारी संघ व अन्य संगठनों को आश्वस्त किया हुआ है कि रोजगार निगम के जरिये होने वाली भर्तियों में पीटीआई व ड्राइंग शिक्षकों को तरजीह देंगे। इन्हें अनुभव के आधार पर अतिरिक्त अंक भी दिए जाएंगे।
पक्के होने का इंतजार कर रहे चालक, कर्मशाला सहायक कच्चे ही रहेंगे
पंजाब रोडवेज में कार्यरत चालक और कर्मशाला सहायक पक्के नहीं होंगे। आउटसोर्सिंग नीति पार्ट-2 के तहत लगे 200 से अधिक चालकों सहायकों को कच्ची नौकरी से ही संतोष करना होगा। परिवहन विभाग ने इनकी सेवाएं कौशल रोजगार निगम को सौंपने का फैसला लिया है। शुक्रवार को चालकों और कर्मशाला सहायकों को निगम में शामिल किए जाने का पत्र थमा दिया गया।
विभाग के फैसले से कर्मचारियों में नाराजगी है। उन्होंने निगम के बजाय विभाग में ही सेवाएं जारी रखने की मांग की है। शुक्रवार को विभाग के निर्णय के विरोध में पंजाब राज्य परिवहन कर्मशाला यूनियन और पंजाब रोडवेज कर्मचारी एकता यूनियन की अलग-अलग बैठकें हुईं। यूनियन नेताओं ने विभाग के फैसले को कर्मचारी विरोधी करार दिया।
कर्मशाला यूनियन के राज्य प्रधान नीरज कुमार व महासचिव हरिकृष्ण ने कहा कि चालक व कर्मशाला सहायकों को अब पक्का होने की उम्मीद थी। ये विभाग में छह साल से कार्यरत थे। रोजगार निगम में भेजने से इनकी सेवाएं अब नियमित नहीं होंगी। ये कच्चे कर्मचारी के तौर पर ही कार्य करते रहेंगे।
कर्मचारी एकता यूनियन के प्रधान बलवान दोदवा ने कहा कि रोजगार निगम में भेजे गए चालक व कर्मशाला सहायक हर मंच पर विभाग के फैसले का विरोध करेंगे। अब उनके पक्का होने का समय था निगम के जरिये सेवाएं देने पर भी उनका शोषण जारी रहेगा। सरकार निर्णय को वापस लेते हुए इन्हें परिवहन विभाग में ही रखे और पक्का करे।