नई दिल्ली: पांच राज्यों के चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए राहत लेकर नहीं आए. केवल पंजाब में कांग्रेस की वापसी हुई बाकी मणिपुर उसके हाथ से निकल गया. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को केवल 7 सीटें मिली जो कि अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है. कांग्रेस उत्तर प्रदेश में रसातल में पहुंच गई है. गोवा की बात करें तो सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस वहां सरकार नहीं बना पाई. चुनावों में खराब प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर सवाल उठने लगे हैं. गोवा प्रभारी दिग्विजय सिंह अपनी ही पार्टी के लोगों की आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जीत से उत्साहित होकर 2019 के लोकसभा चुनाव को जीतने के लिए बिसात बिछाने लगे हैं. उत्तर प्रदेश के किसानों की कर्ज माफी उनके लिए ट्रंप कार्ड साबित होगी.
राहुल ने खुद उठाई ढांचागत सुधार की बात
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में अब तक के सबसे खराब प्रदर्शन पर कहा था, “जहां तक कांग्रेस पार्टी का सवाल है, हमें ढांचागत और सांगठनिक बदलावों की जरूरत है और यह एक तथ्य है.” हालांकि उन्होंने विधानसभा चुनाव के नतीजे को खराब मानने से इनकार कर दिया था. अब देखना होगा कि राहुल किस तरह से पार्टी में बदलाव लाते हैं.
उधर, कांग्रेस के अन्य नेता राहुल के नेतृत्व को खुलकर चुनौती नहीं दे पा रहे हैं. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर, दिग्विजय सिंह और राज बब्बर राहुल के नेतृत्व का बचाव कर रहे हैं और अपनी ही पार्टी के लोगों को चुनौती दे रहे हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने हाल ही में कहा था कि कांग्रेस में राहुल गांधी की जगह कोई नहीं ले सकता. उन्होंने कहा कि ‘यह हमारी पार्टी पर निर्भर करता है कि हम किसकी चुनेंगे, हमारी पार्टी में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जो कि राहुल के खिलाफ खड़ा होना चाहता है, यदि कोई है तो खड़े हो जाएं, देखेंगे क्या होता है.’
सादगी के भरोसे कांग्रेस
कांग्रेस नेता राज बब्बर का दावा है कि राहुल गांधी की सादगी ही, मोदी को हरा सकती है. राज बब्बर ने हाल ही में NDTV से हुई एक बातचीत में राहुल गांधी का बचाव करते हुए कहा था कि ‘आप नेतृत्व को बदल नहीं सकते. नेतृत्व सिर्फ हम जैसे लोगों की टीम तैयार करता है और यही टीम होती हैं जो चुनाव में जीत या हार के लिए जिम्मेदार होती हैं.’ उन्होंने कहा था कि वह राहुल गांधी से सहमत हैं कि पार्टी में ढांचागत बदलाव की जरूरत है.
पीएम मोदी ने चली 2019 जीतने की चाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने के लिए अपनी बिसात बिछा दी है. पांच राज्यों में मिले परिणाम बीजेपी के लिए उत्साहजनक रहे. पंजाब में जरूर पार्टी को निराशा हुई लेकिन उत्तर प्रदेश में प्रचंड लाकर पार्टी आगे की रणनीति बना रही है. वैसे प्रधानमंत्री मोदी की 4 मार्च 2017 की रैली निर्णायक रही जिसमें उन्होंने किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था. ये रैली ही निर्णायक साबित हुई. लोकसभा में कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने भी उत्तर प्रदेश के किसानों का कर्ज माफ करने की बात कही. सूत्र तो ये भी बता रहे हैं कि कर्ज माफी की प्रक्रिया शुरू हो गई है. अब अगर यूपी में कर्ज माफी का बोझ मोदी सरकार ने उठाया तो अन्य राज्यों से भी कर्ज माफी की मांग उठना तय है. प्रधानमंत्री मोदी इसी फॉर्मूले के सहारे 2019 का रण जीत सकते हैं.
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