लखनऊं। पेराई सत्र 2018-19 हेतु प्रदेश के सभी चीनी मिल परिक्षेत्रों में गन्ना सर्वेक्षण का कार्य तीव्र गति से चल रहा है तथा गन्ना सर्वे कार्य को त्रुटि रहित एवं पारदर्शी बनाने के लिये विभागीय कर्मचारी एंव अधिकारी इस दौरान गांवों में गन्ना किसानोे के खेतों पर जाकर सर्वे कार्य सम्पादित कर रहें हैं।
गन्ना विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जो किसान स्वयं के धारित गन्ना क्षेत्रफल के संबंध में घोषणा पत्र उपलब्ध नही करायेंगे, आगामी पेराई सत्र में उनका सट्टा संचालित नही किया जायेगा, तथा गन्ना आपूर्ति की सुविधा भी उन्हें उपलब्ध नही हो पायेगी। गन्ना किसानों से आग्रह किया गया है कि मौके पर सर्वे टीम को घोषणा पत्र देकर वे रसीद प्राप्त कर लंे। उल्लेखनीय है कि सर्वे के दौरान गन्ना समिति के सदस्यों का सत्यापन भी किया जा रहा है, मृत सदस्यों के नाम सदस्यता सूची से खारिज किये जा रहे है और वारिस सदस्यों का नाम विधिवत आवेदन के उपरान्त सूची में युक्त किये जा रहे हैं। प्रदेश के गन्ना एवं चीनी मंत्री श्री सुरेश राणा ने प्लाटवार गन्ना सर्वेक्षण कार्य सम्पन्न होने के बाद दिनांक 06 जुलाई, 2018 से 21 जुलाई, 2018 तक की अवधि में कृषक के गन्ना क्षेत्रफल आंकड़ों का ग्रामवार प्रदर्शन किये जाने हेतु निर्देशित किया। प्रदर्शन की तिथि के सम्बन्ध में गन्ना किसान अपनी गन्ना विकास परिषदध्गन्ना समितिध्चीनी मिल से जानकारी प्राप्त कर प्रदर्शन के दौरान अपने गन्ना क्षेत्रफल पौधाध्पेड़ी, प्रजाति की जांच कर सकते हंै, यदि कोई त्रुटि हो तो मौके पर उसका निराकरण हो सकेगा।प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त श्री संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को विभिन्न परिक्षेत्रों में सर्वे कार्य के औचक निरीक्षण हेतु नामित किया है और उन्हें निर्देशित किया है कि फील्ड में अपने भ्रमण के दौरान अधिकारी गन्ना समितियों की भी जाॅच करेंगे तथा विभाग में संचालित हो रही विकास योजनाओं का मौके पर सत्यापन भी करेंगे। किसानों के व्यापक हित में गन्ना आयुक्त द्वारा यह निर्देश भी जारी किये गये है कि सर्वे कार्य के दौरान गन्ना सर्वेक्षण कार्य की प्रगति और गुणवत्ता का अनुश्रवण कर मुख्यालय के अधिकारी अपनी परिक्षेत्रवार रिपोर्ट भी प्रस्तुत करेंगे।