सिमलडीह गांव में लड़की नहीं ब्याहना चाहते लोग

शहर के कई इलाके जलसंकट से जूझ रहे हैं, लेकिन सिमलडीह लॉ कॉलेज मोड़ की हालत ही कुछ और है। जलसंकट का आलम यह है कि लोगों को आत्मदाह के प्रयास को मजबूर होना पड़ रहा है। सोमवार 11 जून को सिमलडीह लॉ कॉलेज मोड़ निवासी राजेश कुमार वर्णवाल एवं दिनेश साव ने निगम कार्यालय के समक्ष आत्मदाह का प्रयास किया। उनके इस कदम ने शहर में जलसंकट की समस्या को सबके सामने ला दिया। सिमलडीह लॉ कॉलेज मोड़ वाशिंदे एक-दो दिन नहीं बल्कि सालों से जलसंकट की समस्या झेलते आ रहे हैं। स्थिति यह है कि यहां के लड़के की शादी नहीं हो पा रही है। इस क्षेत्र का नाम सुनते ही लड़कीवाले कन्नी काट ले रहे हैं। शिमलडीह लॉ कॉलेज के आसपास 150 आवास हैं जहां पेयजल का घोर संकट है। लॉ कॉलेज मोड़ के वाशिंदों का कहना है कि जलसंकट के कारण लड़कों की शादी नहीं हो रही है। मोहल्ले के कई लड़के कुंआरे बैठे हैं। आंदोलन के बाद भी जलसंकट में सुधार नहीं जलसंकट की समस्या को लेकर आत्मदाह का प्रयास करनेवाले राजेश कुमार वर्णवाल एवं दिनेश साव ने कहा कि आत्मदाह के प्रयास और आंदोलन के बाद भी क्षेत्र में जलसंकट की समस्या का समाधान नहीं हुआ है। सिमलडीह गणेश मिष्ठान से लॉ कॉलेज मोड़ के 150 घरों में मैथन का पानी नहीं पहुंचता है।
जेसी मल्लिक व तेलीपाड़ा में ही सारा पानी चला जाता है। सोमवार को आत्मदाह के प्रयास पर जलापूर्ति में सुधार का आश्वासन मिला, लेकिन इससे प्रशासन को कोई फर्क नहीं पड़ा है। पहले की तरह पांच से छह दिन पर क्षेत्र में पानी पहुंच रहा है। अभिषेक प्रसाद, राजन कुमार व रामचरण साव ने बताया कि पानी के इंतजार में रात-रात भर जगना पड़ता है। आमतौर पर रात को पानी चलता है। किस रात पानी चलेगा यह भी तय नहीं होता। तो विधानसभा के पास करेंगे आत्मदाह राजेश वर्णवाल एवं दिनेश साव ने बताया कि एक महीने में पानी की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो विधानसभा के समक्ष आत्मदाह करेंगे। इसके अलावा जल्द ही रणधीर वर्मा चौक पर धरना देंगे।
सिमलडीह में पानी की गंभीर समस्या है। बार-बार आंदोलन करने के बावजूद समाधान नहीं हो रहा। स्थिति यह है कि यहां के लड़कों की शादी नहीं हो पा रही है। छह दिन में एक बार पानी आता है। वह भी देर रात कब आएगा पता नहीं। पानी के इंतजार में रतजगा करना पड़ता है। अब तो लड़कीवाले भी इधर का मुंह नहीं कर रहे। विधायक आज पानी समस्या का जायजा लेने पहुंचे थे। उन्होंने जलसंकट खत्म करने का आश्वासन दिया है। पता नहीं उनके आश्वासन में कितना दम है।पानी के लिए आत्महत्या का प्रयास करना पड़ा। प्रशासन ने आत्महत्या से तो बचा लिया, लेकिन पानी संकट के कारण हमलोग नर्क जैसी स्थिति में रोज समय गुजारते हैं। आत्महत्या करने के प्रयास के बाद प्रशासन ने जलसंकट खत्म करने का आश्वासन दिया था। लेकिन इस दिशा में अबतक कोई प्रयास होता नहीं दिख रहा है।

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