बेटे के सामने बलात्कार-पति बचाने आया तो उसे मार दिया, आंसू भी महीनों बाद निकले

किसी भी जंग में सबसे ज्यादा भुक्तभोगी बच्चे और महिलाएं होती हैं। दुनिया में हुआ कोई भी युद्ध उठाकर देखा जाए तो इसकी तस्दीक की जा सकती है। वर्चस्व की लड़ाई का कोई भी किस्सा उठाकर देखा जाए, बिना महिलाओं पर सितम ढाए वो कभी पूरा नहीं होता। इथोपिया के सिविल वॉर में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। इथोपियन सेना और टिग्रे विद्रोहियों के बीच हुई इस जंग में महिलाओं से बलात्कार के कई मामले सामने आए हैं। जंग में बेघर हुई ज़ेमज़ेम (बदला हुआ नाम) नाम की महिला को घर लौटना इतना भारी पड़ेगा उसने सोचा भी नहीं था।

अपने घर लौटना किसी के लिए दर्दनाक हो सकता है

26 सितंबर 2021 को अपने साथ हुए दर्दनाक हादसे का दर्द ज़ेमज़ेम ने बीबीसी के साथ साझा किया है। वो बताती हैं, ‘मैं और मेरा परिवार अमहारा इलाके के एक छोटे से शहर में रहता था। जब देश में सिविल वॉर छिड़ा तो मैं पति और बच्चे के साथ भागकर एक गांव पहुंच गई। टिग्रे में नौ महीने तक युद्ध चला। जब गांव में जरूरत की चीजें खत्म होने लगीं तो हमने अपने घर लौटने का फैसला किया। शहर लौटने के दौरान हमारा सामना टिग्रेयन विद्रोहियों से हुआ। विद्रोहियों ने मेरे पति पर शक करते हुए उनसे सवाल-जवाब शुरू कर दिए। फिर सड़क के किनारे एक घर में ले जाया गया। जहां पति और बच्चे के सामने दो विद्रोहियों ने मुझे बुरी तरह पीटा और मेरा रेप किया। जब मेरे पति ने मुझे बचाना चाहा तो उसे गोली मार दी गई। ये सब देखकर मेरा बेटा बुरी तरह से रो रहा था।’

ज़ेमज़ेम के शरीर पर हैवानियत के निशान अब भी मौजूद

जेमजेम बताती हैं, ‘हर तरफ खून ही खून था। मेरी सांसें चल रही थीं लेकिन जिंदा होने का अहसास खत्म हो गया था। मेरे शरीर से खून बह रहा था। मेरे पैर सुन्न हो गए थे। मैं अपने बेटे की तरफ भी नहीं बढ़ सकती थी। मुझे लंबे समय तक नहीं समझ आया कि मेरे साथ जो हुआ उसे कैसे एक्सप्रेस करूं। मेरे रो भी नहीं पा रही थी। काफी समय बाद मैं रो सकी।’ वो शुक्रगुजार है कि कम से कम उसका बेटा तो उसके साथ है।

एक हॉस्पिटल में ही आए रेप के 400 केस, कई को HIV

इस सिविल वॉर में एक महीने में ही महिलाओं के खिलाफ हिंसा के करीब 1300 मामले सामने आए। एडिग्रैट हॉस्पिटल में ही सात महीने के दौरान रेप के करीब 400 मामले दर्ज किए गए। एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि ये मामले एक ही अस्पताल के हैं। कई महिलाओं ने अपने साथ हुई ज्यादती जाहिर नहीं की। कई महिलाएं अब भी मेंटल और फिजिकल कंडीशन से जूझ रही हैं। इनमें से कई को ब्लीडिंग, बैक पेन, फिस्टुला की समस्या सामने आई है। कई का तो HIV टेस्ट भी पॉजिटिव आया है। रेप पीड़िताओं ने नींद न आने, बेचैनी और इमोशनल ब्रेकडाउन की शिकायत जाहिर की है।

टिग्रे में हुआ क्या था और विद्रोहियों ने कैसे आतंक मचाया

इथोपिया ईस्ट अफ्रीकी महाद्वीप बिहार से छोटा एक देश है। टिग्रे इसके उत्तरी क्षेत्र में आने वाला राज्य है। सरकार ने टिग्रे पीपल्स लिबरेशन फ्रंट (टीपीएलएफ) को हटाने के लिए अभियान शुरू किया। जिसका नतीजा ये हुआ कि 3 नवंबर 2020 को सरकारी फौज और टीपीएलएफ के बीच युद्ध शुरू हुआ। केंद्र सरकार और टिग्रे विद्रोहियों के बीच हुए इस खूनी जंग में हजारों लोग मरे और विस्थापित भी हुए। हालांकि प्रधानमंत्री अबी अहमद की सरकार ने जून में एकतरफा युद्ध विराम लागू किया लेकिन इससे कुछ फर्क नहीं पड़ा है। अब भी वहां से ऐसी शिकायतें सामने आ रही हैं।

 

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