नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रहम्चारिणी का हुआ श्रृंगार – भक्तों ने मंदिरों में माथा टेक की पूजा-अर्चना

 

फतेहपुर। चैत्र नवरात्र पर्व के दूसरे दिन मॉ दुर्गा के द्वितीय स्वरूप ब्रहम्चारिणी के दर्शन के साथ मन्दिरों एवं घरों में पूजा-अर्चना की। मंदिरों में दर्शन के लिये भक्तों का तांता लगा रहा। सुबह-श्षाम दोनों ही पहर मंदिरों में भक्त भक्ति में तल्लीन रहे। जयकारों से मन्दिर गूंजते रहे।
नवरात्र के दूसरे दिन मॉ दुर्गा के द्वितीय स्वरूप की आराधना की गई। बताते है कि मां दुर्गा के द्वितीय स्वरूप ब्रहम्चारिणी की मान्यता है कि ब्रम्हलीन होकर तप करने के कारण इन्हें ब्रहम्चारिणी की संज्ञा मिली। ब्रहाम्चारिणी का ध्यान भक्तों की शक्तियों को जाग्रत करता है। दुर्बलताओं का शमन कर सत्यप्रवृत्तियों का अभिवर्धन करता है। दाहिने हाथ में जपमाला तथा बाएं हाथ में कमण्डल है। यह भी मान्यता है कि ब्रहम्चारिणी पूर्व जन्म में हिमालय की पुत्री थीं। भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए उन्होंनंे कठोर तप किया और तपश्चारिणी कहलाई। मॉ के इस स्वरूप के दर्शन पूजन को लेकर सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ रही। ग्रामीणांचलों में पूजा अर्चना व आराधना के साथ भक्तों ने मां के दर्षन किए। दर्षन के लिए महिलाओं की अलग व पुरूषों की अलग-अलग लाइने लगीं रहीं। मन्नत मानने वाले भक्तों ने मन्नत पूरी होने पर प्रसाद वितरित किया। वहीं व्रत रखने वाले भक्तों ने पूरी आस्था के साथ मां की आराधना की। साथ ही ढोलक की थाप व मंजिरों की धुन में भक्तों ने देवी गीत गाकर मां की पूजा अर्चना कर उन्हे नमन किया।

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