एटीएस और पुलिस की अब तक की जांच से एक बात साफ हो चुकी है कि हमलावर सिरफिरा नहीं था। वह साजिश के तहत बड़ी वारदात को अंजाम देना चाहता था। किसके कहने और किस इरादे से गोरखनाथ मंदिर परिसर में प्रवेश करना चाहता था, इस पर जांच एजेंसियां खुलकर नहीं बोल रही हैं।
अरबी भाषा में लिखी किताब मिली
जांच के दौरान अहमद मुर्तजा अब्बासी के कमरे से अरबी भाषा में लिखी एक किताब मिली है। किताब, कैसे और कहां से खरीदी गई, इसकी जांच की जा रही है।
एटीएस के रडार पर था मुर्तजा
बताया जा रहा है कि मुर्तजा एटीएस के रडार पर पहले से था। गत शनिवार को लखनऊ की नंबर प्लेट लगी एक बाइक से दो लोग अहमद मुर्तजा अब्बासी से मिलने उसके घर आए थे। करीब एक घंटे तक मुलाकात हुई थी। इसके बाद ही मुर्तजा घर से लापता हो गया था।
नेपाल भी गया था मुर्तजा
पुलिस की जांच में पता चला है कि घर से निकलने के बाद अहमद मुर्तजा अब्बासी नेपाल गया था। नेपाल से लौटने के दौरान ही महराजगंज से दो बांका (धारदार हथियार) खरीदा। लिहाजा, जांच एजेंसियों की टीम महराजगंज जाकर छानबीन कर रही हैं। इस दौरान वह किस-किस के संपर्क में रहा, इसकी जांच जारी है।
पुलिस कस्टडी में रहेगा मुर्तजा, एक सप्ताह का रिमांड मिला
गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात सिपाहियों पर हमला करने के आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी को पुलिस ने सोमवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दीपक नाथ सरस्वती की अदालत में पेश किया। कोर्ट ने आरोपी को चार अप्रैल की रात आठ बजे से 11 अप्रैल की दोपहर दो बजे तक के लिए पुलिस अभिरक्षा में रिमांड पर देने का आदेश दिया। जानकारी के मुताबिक, अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी नागभूषण पाठक का कहना था कि अभियुक्त कुछ दिनों तक मुंबई, जामनगर, कोयंबटूर, नेपाल और लुंबनी गया था। उसके पास से विभिन्न बैंकों के एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, दिल्ली से मुंबई उड़ान का टिकट और उर्दू से मिलती-जुलती इस्लामिक भाषा का साहित्य मिला है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पुलिस अभिरक्षा रिमांड स्वीकृत करते हुए पुलिस को निर्देशित किया है कि वह पूछताछ के दौरान आरोपी को प्रताड़ित नहीं करेगी। उच्च न्यायालय के साथ ही मानवाधिकार आयोग के प्रतिपादित दिशा-निर्देशों का पालन करेगी। इस दौरान आरोपी के अधिवक्ता भी उचित दूरी बनाकर रह सकते हैं।