दिव्या भारती ने 1992 में फिल्म ‘विश्वात्मा’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया। हालांकि इससे पहले वे कुछ तेलूगू फिल्में कर चुकी थीं। उनकी खूबसूरती और भोलापन लोगों को उनकी ओर खींच जाने पर मजबूर करती थी।उनकी पहली सफल फिल्म गोविंदा के साथ ‘शोला और शबनम’ थी। दिव्या भारती ने डेब्यू के चंद सालों के अंदर ही सुपरस्टार का दर्जा पा लिया था।
5 अप्रैल 1993 को अंतिम सांस लेने वाली दिव्या ने सुहागन ही दम तोड़ा क्योंकि उससे ठीक एक साल पहले ही तो उनकी शादी हुई थी। दिव्या भारती जब शोला और शबनम की शूटिंग कर रही थीं तब फिल्म के हीरो गोविंदा ने उन्हें निर्देशक-निर्माता साजिद नाडियाडवाला से मिलवाया था। सिर्फ 19 साल की उम्र में ही साजिद से निकाह करने के लिए दिव्या ने इस्लाम धर्म अपनाया था और सना नाडियाडवाला बन गईं थी।
दिव्या की अचानक हुई मौत के पीछे कई अटकलें लगाई गईं। दिव्या की मौत के बाद ऐसा भी कहा गया कि वो ड्रग्स लिया करती थी। जिसपर उनकी मां ने कहा था कि वो ड्रग्स नहीं लेती थी उसने घटना वाले दिन रम जरूर पी थी। कई सालों तक तहकीकात करने के बावजूद पुलिस नजीते पर नहीं पहुंच पाई और 1998 में ये केस बंद कर दिया गया।
अपनी मौत वाले दिन दिव्या शूटिंग खत्म कर के चेन्नई से मुंबई लौटी थीं। उनके पैर में भी चोट थी। रात के करीब 10 बजे होंगे जब मुंबई के पश्चिम अंधेरी, वरसोवा में स्थित तुलसी अपार्टमेंट के पांचवें माले पर उनके घर में कुछ दोस्त आए हुए थे। तीनों बैठकर शराब पी रहे थे। दिव्या की मेड अमृता किचन में खाना बना रही थी और दिव्या वहीं पास की खिड़की पर बैठकर खाने का इंस्ट्रक्शन दे रही थीं।
इसी दौरान दिव्या का हाथ फिसला और बिना ग्रिल वाली खिड़की से वो सीधे नीचे जा गिरी। किसे पता था इसके चंद मिनटों बाद ऐसी दुर्घटना घट जाएगी। उन्हें तुरंत ही कूपर अस्पताल ले जाया गया। लेकिन अफसोस कि तब तक देर हो चुकी थी। अस्पताल के एमर्जेंसी वार्ड में दिव्या ने दम तोड़ दिया। दिव्या की मौत के बाद साजिद पर न जाने कितने आरोप लगाए गए लेकिन उन्होंने अपने प्यार को साबित किया। आज भी साजिद के वॉलेट में दिव्या की तस्वीर होती है। दिव्या के परिवार को साजिद अपना परिवार मानते हैं।